जोधपुर, 25 अप्रैल राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्वाचन आयोग से बृहस्पतिवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बांसवाड़ा और टोंक में दिए गए बयानों के मद्देनजर उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई जानी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के साथ-साथ नरेन्द्र मोदी को भी नोटिस दिया है, लेकिन वह आयोग को तभी निष्पक्ष मानेंगे, जब प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार पर रोक लगायी जायेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस देश में लोकसभा चुनाव जीतने जा रही है, इसलिए मोदी चिंतित हो गए हैं और ऐसे बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके बयानों से पूरा देश ‘‘चिंतित और दुखी’’ है।
राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह मुसलमानों को धन का "पुनर्वितरण" करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की योजना लोगों की मेहनत की कमाई और संपत्ति ‘‘घुसपैठियों’’ और ‘‘जिनके अधिक बच्चे हैं’’ को देने की है।
टोंक में एक अन्य रैली में मोदी ने कांग्रेस पर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के आरक्षण को कम कर संविधान की भावना के खिलाफ मुसलमानों को देने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया था।
गहलोत ने दावा किया, ‘‘लोकसभा चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को संपन्न हुआ था। कांग्रेस राजस्थान में नहीं बल्कि पूरे देश में अधिकांश सीट जीत रही है।’’ इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घबरा गए हैं और उन्होंने बांसवाड़ा और टोंक में कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर जिस तरह की बोली वह समझ से परे है।
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