शिक्षा मंत्री ने बुनियादी साक्षरता हासिल करने में बच्चों की मदद के लिए ‘निपुण भारत’ की शुरुआत की
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नयी दिल्ली, 6 जुलाई : केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhriyal) 'निशंक' ने ‘समझ के साथ पढ़ने तथा अंकगणित में निपुणता के लिए राष्ट्रीय पहल’ (निपुण भारत) की सोमवार को शुरुआत की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 2026-27 तक देश का प्रत्येक बच्चा तीसरी कक्षा में आने तक अनिवार्य रूप से बुनियादी साक्षरता एवं अंकगणित की मूलभूत जानकारी हासिल कर सके. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार की गई इस पहल को समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तत्वावधान में शुरू किया गया है.

इसमें स्कूली शिक्षा के शुरुआती वर्षों में बच्चों तक पहुंच प्रदान करने और उन्हें स्कूलों में बनाए रखने, शिक्षक क्षमता निर्माण, उच्च गुणवत्ता एवं विविधतापूर्ण छात्र और शिक्षक संसाधनों के विकास और इस प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक बच्चे की प्रगति पर नजर रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. निशंक ने कहा, ‘‘निपुण भारत का उद्देश्य तीन से नौ वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है. यह भी पढ़ें :Surfside Building Accident: मृतक संख्या बढ़कर 28, 117 लोग अब भी लापता

शिक्षकों को बुनियादी , साक्षरता और अंकगणित कौशल विकसित करने के लिए प्रत्येक बच्चे पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जिससे उन्हें बेहतर पाठक और लेखक के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी. इस प्रकार, निपुण भारत ने आधारभूत स्तर पर सीखने के अनुभव को समग्र, एकीकृत, समावेशी, आनंददायक और आकर्षक बनाने की परिकल्पना की है.’’