विदेश की खबरें | आर्थिक संबंध भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी का केन्द्र हैं: ब्लिंकन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले कहा कि आर्थिक संबंध भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी का केन्द्र हैं तथा दोनों देश भविष्य के नवाचारों को और उन्हें संचालित करने वाले नियमों को आकार देने में मदद कर रहे हैं।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वाशिंगटन, 13 जून अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले कहा कि आर्थिक संबंध भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी का केन्द्र हैं तथा दोनों देश भविष्य के नवाचारों को और उन्हें संचालित करने वाले नियमों को आकार देने में मदद कर रहे हैं।

राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी को आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया है। मोदी के सम्मान में 22 जून को राजकीय रात्रि भोज भी दिया जाएगा।

ब्लिंकन ने यहां सोमवार को वार्षिक ‘इंडिया समिट ऑफ अमेरिका इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ हमारे आर्थिक संबंध हमारे रणनीतिक संबंधों के केन्द्र में हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं आपके जैसे निजी क्षेत्र के दिग्गजों के नेतृत्व में ये संबंध दिन-ब-दिन मजबूत हो रहे हैं।’’

अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापार रिकॉर्ड 191 अरब डॉलर तक पहुंच गया और इसी के साथ अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया। अमेरिकी कंपनियों ने उत्पादन से लेकर दूरसंचार तक भारत में कम से कम 54 अरब डॉलर का निवेश किया है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में भारतीय कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी, दवाइयों तथा अन्य क्षेत्रों में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है जिससे कैलिफोर्निया से जॉर्जिया तक 4,25,000 नौकरियों को बल मिला है।

विदेश मंत्री ने कहा कि फरवरी में एअर इंडिया ने 200 से अधिक बोइंग विमानों की खरीद की घोषणा की जिससे 44 राज्यों में अनुमानित दस लाख से अधिक नौकरियों को बल मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहसिक यात्रा से पहले यहां हैं, जो उन संबंधों को और मजबूत करेगी जिसे राष्ट्रपति बाइडन ने 21वीं सदी के अहम संबंध बताया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत हमारे नए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढ़ांचे के तीन आधार स्तंभों- अधिक लचीली आपूर्ति श्रंखला बनाने की प्रतिबद्धता, स्वच्छ ऊर्जा के अवसरों का लाभ उठाने तथा भ्रष्टाचार से निपटने- में जुड़ गया है।’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा से क्वांटम कम्प्यूटिंग तक हम साथ मिलकर भविष्य के नवाचारों को और उन्हें संचालित करने वाले नियमों को आकार देने में मदद कर रहे हैं।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि जनवरी माह में यूएसआईबीसी ने ‘राउडंटेबल’ शुरू किया था जहां दोनों देशों की सरकारों ने महत्वपूर्ण एवं उभरती हुई प्रौद्योगिकी पर एक नई पहल की शुरुआत की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिका और भारत में सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ा रहे हैं और उसका विस्तार कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सौर विनिर्माण प्रतिष्ठान बनाने में मदद के वास्ते ‘‘यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन’’ ने एक प्रमुख अमेरिकी कंपनी को 50 करो़ड़ डालर दिए हैं। इस परियोजना से भारत में घरों, स्कूलों और व्यवसायों में लगभग तीन करोड़ बल्ब को ऊर्जा मिलेगी, भारतीयों और अमेरिकियों के लिए एक हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।’’

प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर इस महीने अमेरिकी की राजकीय यात्रा करेंगे। उनकी चार दिवसीय यात्रा 21 जून से शुरू होगी।

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