चेन्नई, 7 नवंबर : चेन्नई और उपनगरीय इलाकों में लगातार भारी बारिश होने से जगह-जगह जलजमाव हो गया है. इस बीच, चेन्नई के दो जलाशयों से पानी छोड़े जाने की तैयारियों के बीच अधिकारियों ने रविवार को लोगों को बाढ़ की चेतावनी जारी की है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मुख्य सचिव वी इराई अंबू सहित विभिन्न शीर्ष अधिकारियों के साथ यहां कई जलमग्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को बाढ़ के पानी की निकासी के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कैबिनेट सहयोगियों के साथ स्टालिन ने यहां एक अस्थायी आश्रय स्थल में ठहरे प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को चावल, दूध और कंबल सहित बाढ़ सहायता वितरित की. स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा कि चेन्नई में कल रात से करीब 12 घंटे में 20 सेमी बारिश हुई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक चेन्नई और उपनगरों में बारिश 10 सेमी से 23 सेमी के बीच रही. तमिलनाडु सचिवालय के पास कामराजार सलाई बिंदु (मरीना समुद्र तट पर स्थित डीजीपी कार्यालय) में सबसे अधिक 23 सेमी और उत्तरी चेन्नई के उपनगरीय क्षेत्र एन्नोर में 10 सेमी बारिश हुई.
पास के तिरुवल्लुर जिले में शामिल क्षेत्रों सहित कुछ उपनगरीय स्थानों में तीन सेमी (पूंडी और आरके पेट) से नौ सेमी (चोलावरम) के बीच बारिश हुई. आईएमडी ने रविवार को तमिलनाडु और पड़ोसी पुडुचेरी में भारी बारिश का संकेत देते हुए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया है. तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ट्वीट कर बताया कि जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश को देखते हुए पूंडी जलाशय में क्षमता से अधिक भरे पानी को छोड़ा गया, जिसे चरणबद्ध तरीके से 3,376 क्यूसेक पानी तक बढ़ाया गया. जल संसाधन अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह, चेन्नई शहर में पीने के पानी के दो अन्य महत्वपूर्ण स्रोतों चेंबरमबक्कम और पुझल जलाशय में भरे अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला गया. दोनों जलाशयों से लगभग 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
आपात स्थिति में बचाव कार्यों में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार टीमों को तैनात किया गया है. टीएनएसडीएमए ने कहा कि चेंगलपेट और तिरुवल्लूर में एक-एक टीम और मदुरै में दो टीमें बचाव अभियान के लिए तैनात हैं. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | भाजपा का उत्कर्ष आना अभी बाकी, पश्चिम बंगाल में पार्टी का अप्रत्याशित उभार: नड्डा
चेन्नई और उपनगरों के अधिकांश हिस्सों में जलभराव देखा गया. सैदापेट, वेलाचेरी, अडंबक्कम, मदिपक्कम और पश्चिम माम्बलम के कई इलाकों में लगभग दो से तीन फुट तक पानी भरा है. कई सब-वे में कई फुट तक बारिश का पानी भर गया है. ऐसे इलाकों में बारिश का पानी कई घरों में भी घुस गया, जिससे निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. एहतियात के तौर पर ऐसे क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष स्टालिन ने पार्टी के पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों को प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया. बाढ़ की शुरुआती चेतावनी देते हुए राज्य जल संसाधन अधिकारियों ने पहले कांचीपुरम और तिरुवल्लूर के जिलाधिकारियों को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की सलाह दी है.
यहां बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘वर्तमान परिदृश्य वैसा नहीं है जैसा 2015 में चेन्नई में देखा गया था. मुख्यमंत्री स्टालिन ने अधिकारियों को जलाशयों में जल स्तर की निगरानी करने और स्थिति के अनुसार आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. निकाय के कर्मी अपना काम कर रहे हैं स्थिति से निपट रहे हैं.’’ चेन्नई और कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों के कई उपनगरों में शनिवार सुबह से रुक-रुक कर बारिश हुई और रात भर बारिश होती रही, जिससे कई इलाकों में पानी भर जाने से लोगों को परेशानी हुई. स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन और ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के प्रमुख सचिव व आयुक्त गगनदीप सिंह बेदी उन शीर्ष अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने कई इलाकों का दौरा किया और सड़कों और आवासीय क्षेत्रों से पानी निकालने की निगरानी भी की. 2015 में चेन्नई में भारी वर्षा के बाद चेंबरमबक्कम जलाशय से अड्यार नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ा गया था, जिससे भीषण बाढ़ आई थी.