खेल की खबरें | समझ नहीं आता लोग क्यों कह रहे हैं कि बुमराह ने वापसी की: राहुल
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. जसप्रीत बुमराह खुद को साबित कर चुके हैं और टीम के उनके साथी लोकेश राहुल को समझ नहीं आता कि यहां इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ समाप्त हुए पहले टेस्ट में इस भारतीय तेज गेंदबाज के नौ विकेट को उनकी ‘वापसी’ क्यों कहा जा रहा है।
नॉटिंघम, आठ अगस्त जसप्रीत बुमराह खुद को साबित कर चुके हैं और टीम के उनके साथी लोकेश राहुल को समझ नहीं आता कि यहां इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ समाप्त हुए पहले टेस्ट में इस भारतीय तेज गेंदबाज के नौ विकेट को उनकी ‘वापसी’ क्यों कहा जा रहा है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में बुमराह बिलकुल भी लय में नहीं थे। इसके अलावा आस्ट्रेलिया दौरे और स्वदेश में इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में भी उनका प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा।
यह पूछने पर कि बुमराह के फॉर्म में वापसी करने पर वह कैसा महसूस कर रहे हैं, राहुल ने इस सवाल पर हैरानी जताई।
राहुल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘सर, मुझे नहीं पता कि आप यह क्यों कर रहे हैं कि बुमराह ने वापसी की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर समय, प्रत्येक मैच में, हर परिस्थितियों में उसने खुद को साबित किया है और वह हमारा नंबर एक गेंदबाज है। हम खुश हैं कि वह पहले टेस्ट से जो कर रहा है उसे वह अब भी कर रहा है।’’
दो दिन पहले अपनी बल्लेबाजी पर पहले ही बात कर चुके राहुल ने तेज गेंदबाजी आक्रमण की तारीफ की जिन्होंने मैच में 20 विकेट चटकाए।
राहुल ने कहा, ‘‘पहली पारी में हमने जिस तरह की गेंदबाजी की और टॉस हारने के बाद पहले गेंदबाजी करते हुए हमने जिस तरह का अनुशासन दिखाया वह सकारात्मक पक्ष है। ऐसा माना गया कि टॉस जीतने वाली टीम फायदे की स्थिति में रहेगी और हमने बेहद अनुशासन के साथ गेंदबाजी की। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोहम्मद शमी और बुमराह ने जिस तरह की शुरुआत की और शारदुल (ठाकुर) और मोहम्मद सिराज ने इसे जारी रखा, किस तरह उन सभी ने एक साथ काम किया और सही जगह पर गेंदबाजी की। वे जिस तरह अपनी योजना पर कायम रहे, उससे उन्हें इनाम मिला। ’’
राहुल ने कहा कि चुनौतीपूर्ण हालात में बारिश के कारण कई बार ब्रेक के बीच बल्लेबाजी इकाई ने अच्छा प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनौतीपूर्ण पिच थी और जिस तरह का मौसम था, बार-बार बाहर जाना और फिर वापस आना, हमारे लिए एकाग्रता बनाए रखना आसान नहीं था। बार-बार बाहर जाना और वापस आना चुनौतीपूर्ण होता है। ’’
राहुल ने कहा कि दो साल से अधिक समय तक बाहर बैठने के बाद वह टेस्ट क्रिकेट खेलकर खुश हैं।
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