नयी दिल्ली, 28 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां निचली अदालत को निर्देश दिया है कि वह दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा संचालित लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (एलएनजेपी) की ओर से दी गई जैन की मेडिकल रिपोर्ट पर संज्ञान न ले।
जैन पर धन शोधन कानून के तहत मामला चल रहा है और वह लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती हैं।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर जैन से जवाब मांगा जिसमें अनुरोध किया गया था कि जैन का चिकित्सीय परीक्षण एलएनजेपी की बजाय अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) या सफदरजंग अस्पताल में कराया जाए।
अदालत ने कहा, “नोटिस जारी किया जाए… .....निर्देश दिया जाता है कि विशेष न्यायाधीश सुनवाई की अगली तारीख तक एलएनजेपी की ओर से दी गई चिकित्सीय रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लें।”
न्यायाधीश ने मौखिक आदेश में कहा, ‘‘अगर इस मामले में वह (निचली अदालत के न्यायाधीश) किसी अन्य आधार पर जमानत देना चाहते हैं, तो यह उनपर है।’’
ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन निषेध अधिनयम (पीएमएलए) की वैधता से संबंधित अपने आदेश में धनशोधन के मामलों में जमानत की दो शर्तों को बरकरार रखा है।
राजू ने इस बात पर जोर दिया कि इसकी पूरी आशंका है कि जैन एलएनजेपी के डॉक्टरों को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि वह स्वास्थ्य मंत्री थे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि जैन की तस्वीर अस्पतालों की वेबसाइट पर प्रमुखता से है और वहां हुए कार्यक्रम में वह ‘‘गेस्ट ऑफ ऑनर’’थे।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा आधार पर जमानत देने की अर्जी पर निचली अदालत में सुनवाई से पहले उनका स्वतंत्र स्वास्थ्य मूल्यांकन कराने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आज को मिलाकर वह गत 46 दिनों से एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं और एक दिन भी जेल में नहीं बिताया है।’’
राजू ने उस मामले का भी संदर्भ दिया जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री की चिकित्सा जांच एम्स में कराने का निर्देश दिया।
राजू ने कहा कि वह एजेंसी द्वारा जैन को एम्स, आरएमएल या सफदरजंग अस्पताल में इस समय स्थानांतरित करने के किए गए अनुरोध पर जोर नहीं दे रहे हैं, लेकिन अनुरोध करते हैं कि एलएनजेपी के चिकित्सा रिपोर्ट पर निचली अदालत में अगली सुनवाई के दौरान विचार नहीं किया जाए।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता जैन को 30 मई को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया था। पहले उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा गया और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी ने अपनी अर्जी में निचली अदालत के छह जुलाई के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें जैन का एलएनजेपी के बजाय आरएमएल या एम्स स्वतंत्र चिकित्सा जांच कराने के अनुरोध को खारिज कर दिया गया था।
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