देश की खबरें | निराश न हों भाजपा कार्यकर्ता: राजे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को पार्टी कार्यताओं से कहा कि हार जीत सिक्के के दो पहलू हैं और उन्हें निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि असफलता में ही सफलता छिपी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों का दिल जीतने के लिए उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
जयपुर, 26 नवंबर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को पार्टी कार्यताओं से कहा कि हार जीत सिक्के के दो पहलू हैं और उन्हें निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि असफलता में ही सफलता छिपी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों का दिल जीतने के लिए उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजे राज्य के मेवाड़ इलाके की अपनी यात्रा के चौथे व अंतिम दिन बनेड़ा(भीलवाड़ा) में लोगों को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा,‘‘ हार-जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि असफलता में ही सफलता छिपी है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन 'अंधेरा छंटेगा-सूरज निकलेगा-कमल खिलेगा' का जिक्र करते हुए राजे ने कहा,‘‘लेकिन यह सिर्फ नारों, बयानो, भाषणों और हवा में बातें करने से नहीं,जमीन पर काम करने से होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह लोगों का दिल जीतने से होगा। लोगों में विश्वास कायम करने से होगा। उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने से होगा व कड़ी मेहनत करने से होगा।’’
यहां जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा,‘‘असली भाजपा का कार्यकर्ता भी वही होता है जो बिना स्वार्थ संगठन के लिए काम करे और अपने आपको कार्यकर्ता कहलाने में ही अपना गौरव समझे। भाजपा के कार्यकर्ता की साख भी यही है-चाहे वह कितने ही बड़े पद पर क्यों न पहुंच जाए,आजन्म कार्यकर्ता ही कहलाना पसंद करता है। उसे कभी अपने बड़े पद का अभिमान नहीं होता।बड़े पद पर पहुंचने के बाद वह और भी विनम्र हो जाता है, जैसे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।’’
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के दम पर ही हम प्रचंड बहुमत के साथ देश में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा सरकार और राज्य में भाजपा की सरकार बनायेंगे।राजे पूर्व सांसद हेमेंद्र सिंह बनेड़ा के निधन पर शोक व्यक्त करने गई।इसके बाद वह पुष्कर पहुंची जहां उन्होंने ब्रह्मा मंदिर में दर्शन और पूजा की। वह अजमेर स्थित मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने भी गईं।
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