नई दिल्ली, 17 सितंबर: शिवसेना ने बृहस्पतिवार को सरकार से मांग की कि वह लाभकारी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट का निजीकरण नहीं करे. शिवसेना के संजय राउत ने शून्यकाल में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (Jawaharlal Nehru Port Trust) के निजीकरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी व कोविड-19 (Covid19) महामारी के कारण देश की आर्थिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है.
हमारी जीडीपी और हमारा रिजर्व बैंक भी खस्ताहाल हो गया है. उन्होंने कहा, "यही वजह है कि आज रेलवे, एलआईसी, एयर इंडिया का निजीकरण किया जा रहा है. जेएनपीटी एक लाभकारी उपक्रम है और सरकार को 30 फीसदी से अधिक मुनाफा देता है. सरकार इसके निजीकरण पर विचार कर रही है. इसके निजीकरण का मतलब राष्ट्रीय संपत्ति को गहरा नुकसान होना है. युद्ध के दौरान नौसेना के बाद इस बंदरगाह ने साजोसामान की ढुलाई में भी अहम भूमिका निभाई है."
सरकार जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) को निजी हाथों में देने के बारे में सोच रहा है JNPT विश्व में सबसे बड़ा पोर्ट है जो भारत सरकार को 30% से ज्यादा मुनाफा कमा कर देता है ऐसे महत्वपूर्ण पोर्ट को प्राइवेट हाथों में देना देश के राष्ट्रीय संपत्ति का बहुत बड़ा नुकसान है: संजय राउत https://t.co/UIpopL4nzK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 17, 2020
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उन्होंने कहा, "इस पोर्ट ट्रस्ट के निजीकरण का मतलब है 7000 एकड जमीन को निजी हाथों में दे देना. इससे बेरोजगारी भी बढेगी क्योंकि निजीकरण होने पर सबसे पहले कामगारों की छंटनी होगी. यह एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी यह खास है."