देश की खबरें | द्रमुक एक पारिवारिक पार्टी और कॉर्पोरेट कंपनी है: पलानीस्वामी

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तिरुचिरापल्ली, 24 मार्च ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) प्रमुख एडप्पाडी के पलानीस्वामी ने रविवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक एक पारिवारिक पार्टी और एक ‘कॉर्पोरेट कंपनी’ है जिसका लक्ष्य सत्ता में आकर‘‘लूट’’ करना है।

अपनी पार्टी और सहयोगी दलों के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि केंद्र की मदुरै एम्स परियोजना तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक शासन (2011-21) के दौरान शुरू की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के 38 उम्मीदवारों की जीत हुई थी लेकिन वे एम्स परियोजना को लेकर संसद में चुप थे।’’

पलानीस्वामी ने कहा कि परियोजना का मुद्दा द्रमुक द्वारा संसद में उठाया जाना चाहिए था ताकि इसे पूरा करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया जा सकता।

उन्होंने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर ‘कठपुतली’ मुख्यमंत्री होने का आरोप लगाया और कहा कि उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता संभालने के बाद तीन साल में मुख्यमंत्री स्टालिन ने क्या हासिल किया?’’

पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि द्रमुक तमिलनाडु के साथ-साथ केंद्र में भी ‘‘लूट’’ करना चाहती है और इसीलिए वह केंद्र में सत्ता हासिल करने के लिए बेताब है।

अन्नाद्रमुक प्रमुख ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी के पास अपनी उपलब्धियों को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है और मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में केवल उन पर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाये।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री के खिलाफ स्टालिन की आलोचना को लेकर चिंतित नहीं है।

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) मुद्दे पर पलानीस्वामी ने द्रमुक नेतृत्व को इस बात पर बहस करने की चुनौती दी कि कौन सी सरकार नीट लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार थी, जिसने 2010 में नीट की शुरुआत की थी।

कांग्रेस और द्रमुक संप्रग के प्रमुख घटक दल थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और द्रमुक दोनों ने झूठ के जरिये नीट के संबंध में तमिलनाडु के लोगों को धोखा दिया।

तमिलनाडु में 38 लोकसभा सीट हैं और राज्य में 19 अप्रैल को मतदान होना है।

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