नयी दिल्ली, 24 मार्च: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के कई संभावित प्रभाव सामने आ सकते हैं जिसमें उनके आठ वर्ष के लिए चुनाव लड़ने पर रोक के अलावा उन्हें लुटियन दिल्ली में सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है. केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया. यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi Defamation: ऊपरी कोर्ट ने रोक नहीं लगाई तो 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल गांधी
अधिसूचना में कहा गया है कि ‘‘सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है.’’ कांग्रेस नेता के खिलाफ उक्त मामला भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने दायर किया था. चुनाव आयोग के पूर्व अधिकारी ने अपना नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, “ऊपरी अदालत के राहुल की दोषसिद्धि पर रोक न लगाने की सूरत में वह आठ वर्षों के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य हो जाएंगे.”
अयोग्य ठहराये जाने की अधिसूचना के बाद लोकसभा की वेबसाइट पर सत्रहवीं लोकसभा के लिए सांसदों की सूची में वायनाड सीट को खाली दर्शाया गया है जिस सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. इस सीट के रिक्त होने के बाद निर्वाचन आयोग तकनीकी आधार पर उपचुनाव करा सकती है, क्योंकि वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए अभी एक वर्ष से अधिक समय बचा है. वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल अगले वर्ष जून में समाप्त होगा.
वहीं, अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने के बाद अगर राहुल गांधी को उच्च अदालत से राहत नहीं मिलती है तब उन्हें लुटियन दिल्ली में एक महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को 12, तुगलक लेन में सरकारी बंगला आवंटित किया गया है. यह बंगला उन्हें वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से निर्वाचित होने के बाद आवंटित की गई थी.
दीपक
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