नयी दिल्ली, 7 अप्रैल : गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपदा प्रबंधन में शामिल एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपदाओं के लिए जारी अलर्ट देश में दूरस्थ पंचायत तक समय पर पहुंच जाए और कई संगठन जैसे एनसीसी, महिला समूहों तथा होमगार्ड्स को इस काम का जिम्मा देना चाहिए. उन्होंने संघीय एजेंसी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को ऐसी आपात स्थितियों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने एवं अभियान संचालित करने को कहा. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ को इस संदर्भ में नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए ताकि जब भी ऐसी कोई आपात स्थिति आए तो प्रशिक्षित कर्मी, पेशेवर बचावकर्ताओं के घटनास्थल पर पहुंचने तक उस अंतराल के दौरान काम कर सकें.
शाह ने यहां दो दिवसीय ‘‘आपदा प्रतिक्रिया के लिए क्षमता निर्माण पर वार्षिक सम्मेलन 2022’ के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही. एनडीआरएफ ने यह सम्मेलन आयोजित किया है जिसमें विभिन्न केंद्रीय और राज्य आपदा मोचन बल तथा अन्य संबंधित एजेंसियां भाग ले रही हैं. गृह मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आसन्न आपदा के लिए जारी अलर्ट संबंधित स्थान, गांव और पंचायत तक समय पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि बिजली गिरने के मामलों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिसमें समय कम होता है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सटीक अलर्ट संबंधित गांव और उसके निवासियों तक पहुंचे. यह भी पढ़ें : बढ़ सकता है केदारनाथ हेली सेवा का किराया, कंपनियों की मांग पर सरकार करेगी फैसला
शाह ने कहा, ‘‘हमने विभिन्न तरह की आपदाओं के लिए कई ऐप (मोबाइल एपलिकेशंस) बनाए हैं लेकिन एक ठोस तंत्र बनाया जाना चाहिए ताकि अलर्ट दूरस्थ स्थान पर भी समय पर पहुंच सकें.’’ उन्होंने कहा कि इसके लिए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा स्कीम (एनएसएस) के स्वयंसेवकों, होमगार्ड्स, महिला स्व: सहायता समूहों को आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन संबंधित सामग्री और प्रशिक्षण मॉड्यूल स्थानीय ओं में भी तैयार किया जाना चाहिए. आपदा के बारे में जानकारी सही ढंग से देनी चाहिए और इसके लिए भी हमें पेशेवर विशेषज्ञता की आवश्यकता है.