नयी दिल्ली, 29 जून सौरव गांगुली को अजिंक्य रहाणे को टेस्ट में उप कप्तानी की जिम्मेदारी देना काफी हैरानी भरा लग रहा है क्योंकि वह करीब 18 महीने तक टीम से बाहर थे और पूर्व भारतीय कप्तान ने चयन प्रक्रिया में निरंतरता और स्थिरता लाने की मांग की।
डेढ़ साल पहले तक 35 वर्षीय रहाणे टीम में शामिल होने की दौड़ से बाहर थे लेकिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ इस महीने के शुरु में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में वह 89 और 46 रन की पारियां खेलकर भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे।
वापसी करने के महज एक टेस्ट बाद ही अंतरिम प्रमुख शिव सुंदर दास की अगुआई वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने रहाणे को वेस्टइंडीज टेस्ट श्रृंखला के लिए फिर से उप कप्तान नियुक्त कर दिया।
तो क्या इस भूमिका के लिए किसी अन्य खिलाड़ी जैसे शुभमन गिल को तैयार करना आदर्श नहीं होता तो इस पर गांगुली ने लंदन से पीटीआई से कहा, ‘‘हां, मुझे भी ऐसा ही लगता है। ’’
हालांकि उन्होंने रहाणे को उप कप्तान बनाने के फैसले को पीछे की ओर लिया हुआ कदम करार नहीं किया लेकिन उन्होंने इसे व्यावहारिक फैसला भी नहीं बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि यह पीछे की ओर उठाया गया कदम है। आप 18 महीने से बाहर हो, फिर आप एक टेस्ट खेलते हो और आपको उप कप्तान बना दिया जाता है। मुझे इसके पीछे की सोच प्रक्रिया समझ नहीं आयी। रविंद्र जडेजा भी टीम में है जो काफी लंबे समय टीम में है और टेस्ट मैचों में निश्चित ही खेलता है, वह एक उम्मीदवार है। ’’
भारत के बेहतरीन टेस्ट कप्तानों में शुमार गांगुली ने कहा, ‘‘लेकिन 18 महीने बाद अचानक वापसी के बाद तुरंत ही उप कप्तान बना दिया जाना, मेरी समझ से बाहर है। मेरा यही कहना है कि चयन में निरंतरता और स्थिरता होनी चाहिए। ’’
भारतीय चयनकर्ताओं ने चेतेश्वर पुजारा जैसे कद के बल्लेबाज को बाहर करके बदलाव की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है और गांगुली चाहते हैं कि एक खिलाड़ी के साथ के साथ संवाद स्पष्ट होना चाहिए जो भारत के लिए 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुका हो।
उन्होंने कहा, ‘‘चयनकर्ताओं को उसके (पुजारा) बारे में स्पष्ट होना चाहिए था। क्या वे उसे टेस्ट क्रिकेट में और खिलाना चाहते हैं या फिर वे युवाओं के साथ जारी करना चाहते हैं, उसे इस बारे में बताया जाना चाहिए था। पुजारा जैसे कद के खिलाड़ी को आप टीम से बाहर, फिर अंदर और फिर बाहर, फिर अंदर नहीं कर सकते। ऐसा ही अजिंक्य रहाणे के साथ भी है। ’’
ऐसा लगने लगा है कि टेस्ट क्रिकेट में टीम में जगह बनाने के लिए भी एक खिलाड़ी को आईपीएल में मजबूत प्रदर्शन करना चाहिए जैसा कि रूतुराज गायकवाड़ ने किया। गांगुली हालांकि इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते।
उन्होंने कहा कि सरफराज खान जैसे शानदार बल्लेबाज को खुद को साबित करने का मौका दिया जाना चाहिए था जो आईपीएल में अच्छा नहीं कर सके।
गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यशस्वी जायसवाल ने रणजी ट्राफी, ईरानी ट्राफी, दलीप ट्राफी में काफी रन जुटाये हैं। मुझे लगता है कि इसलिये वह टीम में है। मुझे लगता है कि सरफराज खान को भी एक मौका दिया जाना चाहिए था, उसने भी पिछले तीन वर्षों में काफी रन बनाये हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा ही अभिमन्यु ईश्वरन के साथ भी है, जिन्होंने पिछले पांच से छह वर्षों में काफी रन जुटाये हैं। मैं हैरान हूं कि ये दोनों ही टीम में नहीं है लेकिन भविष्य में इन्हें मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन यशस्वी जायसवाल का चयन अच्छा है। ’’
वहीं विश्व कप के स्थलों की पसंद पर गांगुली ने आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) दोनों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘इसका शानदार कार्यक्रम है और मैचों को अच्छे स्टेडियम में दिया गया है। बीसीसीआई और आईसीसी ने सही स्थलों पर सही मैच दिये हैं और मैं जानता हूं कि यह शानदार विश्व कप होगा। ’’
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