देश की खबरें | दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी के उच्च स्तर पर दर्ज की गई, रविवार को आंशिक सुधार की उम्मीद

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी के उच्च स्तर पर दर्ज की गई और लेकिन एक सरकारी पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा कि रविवार को इसमें कुछ सुधार होने की उम्मीद है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी के उच्च स्तर पर दर्ज की गई और लेकिन एक सरकारी पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा कि रविवार को इसमें कुछ सुधार होने की उम्मीद है।

भू विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी ‘सफर’ ने बताया कि गत 24 घंटे में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 197 रहा जो ‘मध्यम’ श्रेणी के उच्च स्तर में आता है।

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उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 तक के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक को ‘सामान्य’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 तक को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।

‘सफर’ ने बताया कि शनिवार को दिल्ली के एक्यूआई में प्रदूषण फैलाने वाले पीएम 2.5 कण की प्रमुखता रही लेकिन रविवार को इसमें सुधार होने की उम्मीद है।

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सफर ने कहा कि कुल मिलाकर दिल्ली का एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी के उच्च स्तर और ‘खराब’ श्रेणी के करीब रहा जिसमें पीएम-2.5 प्रदूषक की बहुलता रही।

इसके मुताबिक कल आंशिक सुधार के साथ दिल्ली का एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी में बना रहेगा और 12 अक्टूबर को इसमें और सुधार आएगा।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र और मजबूत होने की उम्मीद है और इसके पश्चिम-पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ने और उत्तर एवं मध्य भारत के मौसम प्रणाली को प्रभावित करने की संभावना है।

मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली में 12 अक्टूबर को सतह के नजदीक बहने वाली हवाओं की दिशा उत्तर पश्चिम से मुड़कर दक्षिण पूर्व होने की संभावना है जिसका सकारात्मक असर आने वाले हफ्ते में वायु गुणवत्ता पर पड़ेगा।

सफर ने बताया कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब के इलाके में शनिवार को पराली जलाने की 253 घटनाएं दर्ज की गई।

गौरतलब है कि श्रेणीवार प्रतिक्रिया कार्ययोजना के तहत 15 अक्टूबर से दिल्ली और पड़ोसी इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय लागू होने शुरू हो जाएंगे। पहली बार इसे दिल्ली-एनसीआर में वर्ष 2017 में लागू किया गया था।

इनमें बस और मेट्रों की सेवा में बढ़ोतरी, पार्किंग शुल्क में वृद्धि और डीजल से चलने वाले जेनरेटर पर रोक के उपाय शामिल हैं।

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