दिल्ली हिंसा: गिरफ्तार लोगों की सूची सार्वजनिक करने के सिलसिले मे उच्च न्यायालय पहुंची वृंदा करात
याचिका 12 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जा सकती है।
नयी दिल्ली, नौ मई माकपा नेता वृंदा करात ने इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची सार्वजनिक करने का पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
याचिका 12 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जा सकती है।
मुख्य याचिका सुनवाई के लिए 16 जून को सूचीबद्ध है। इसमें मांग की गई है कि गिरफ्तार किए गए लोगों की एक सूची पुलिस नियंत्रण कक्ष और जिले के पुलिस स्टेशनों के बाहर लगाई जाए, उसे मामला-दर-मामला आधार पर अपडेट की जाए।
याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए दायर की गई अर्जी में कहा गया है कि देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है और गृह मंत्रालय ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है। इसके कारण आवश्यक सेवाएं वालों को छोड़कर लोगों को बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
आवेदन में कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा से संबंधित कुछ प्राथमिकियों के संबंध में अपनी जांच जारी रखी है और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है कि जांच धीमी न हो और गिरफ्तारियां जारी रहनी चाहिए। इसके परिणामस्वरूप लॉकडाउन के पहले दो हफ्तों में ही लगभग 50 गिरफ्तारियां हुई हैं।
वकील तारा नरूला के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया, ‘‘इसलिए, इस स्थिति में जब अदालतों तक पहुंच सीमित हो गई है, वकीलों की अनुपलब्धता है, ऐसे में दिल्ली पुलिस की ओर से संबंधित लोगों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और मौलिक अधिकारों के संदर्भ में देश के कानूनों को लागू करना, भादंसं के प्रावधानों का अनुपालन करना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।’’
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