नयी दिल्ली, एक नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को वर्ष 2020 की उत्तर-पूर्वी दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के संस्थापक खालिद सैफी और कई अन्य की जमानत याचिकाओं को जनवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ को आरोपियों के वकील और दिल्ली पुलिस ने सूचित किया कि पहले सुनवाई कर रही पीठ में बदलाव के कारण मामलों की नए सिरे से सुनवाई करनी होगी।
मौजूदा पीठ के समक्ष एक आरोपी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा, ‘‘मामला पिछले एक साल से अधिक समय से लंबित है। अब इसे नए सिरे से सुना जाना चाहिए।’’
संबंधित याचिकाओं की सुनवाई पहले न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की थी, जिन्हें हाल ही में मणिपुर उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
जमानत याचिकाओं को 15 जनवरी से शुरू होने वाली अलग-अलग तारीखों पर अलग से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि सभी मामले दंगों के पीछे की साजिश से संबंधित हैं और अलग-अलग आरोपियों पर अलग-अलग भूमिका के आरोप हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘तीन मामलों में फैसला सुरक्षित रखा गया था। उन पर भी दोबारा सुनवाई होनी है।’’
मौजूदा याचिकाओं में सभी आरोपियों ने 2022 में जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
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