नयी दिल्ली, 17 सितंबर दिल्ली की एक अदालत ने पिंजड़ा तोड़ सदस्य नताशा नरवाल को उत्तरपूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को भड़के दंगे से संबंधित एक मामले में बृहस्पतिवार को जमानत दे दी।
हालांकि उन्हें अभी जेल से रिहा नहीं किया जाएगा, क्योंकि दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में उन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज है।
दिल्ली पुलिस ने उन पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जमानत देते हुए इस बात का संज्ञान लिया कि अभियोजन पक्ष की ओर से दिखाए गए वीडियो में नरवाल 'अवैध जमावड़े' में शामिल तो नजर आ रही हैं, लेकिन इसमें ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है जो यह संकेत देता हो कि वह हिंसा में शामिल थीं या उन्होंने हिंसा भड़काई हो।
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अदालत ने कहा, '' अभियोजन पक्ष यह नहीं कह सकता है कि जब तक सभी गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती है तब तक आरोपी को जमानत नहीं मिल सकती है। गवाहों को खतरा होने के भी खास आरोप नहीं हैं। ''
हालांकि पिंजड़ा तोड़ सदस्य को जेल से रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि उन पर गैरकानूनी गतिविधि(रोकथाम) अधिनियम के तहत अन्य प्राथमिकी दर्ज है। नरवाल अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
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