नयी दिल्ली, 14 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस को किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री और भंडारण के लिए अस्थायी लाइसेंस जारी न करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ‘बेरियम’ युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
पीठ ने कहा, “हमें यह देखना होगा कि पिछले वर्ष में किस स्तर पर काम हुआ है और क्या कोई अतिरिक्त निर्देश जारी करने की आवश्यकता है। हमने पाया है कि इस न्यायालय की ओर से समय-समय पर पारित विभिन्न आदेशों में अधिकतर पहलुओं का ध्यान रखा गया है।”
पीठ ने केंद्र और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, “जब सरकार प्रतिबंध लगाती है तो इसका मतलब पूर्ण प्रतिबंध होता है। प्रतिबंध पटाखों के लिए है। हम हरे या काले के बीच अंतर नहीं समझते ...बस यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली पुलिस कोई अस्थायी लाइसेंस न दे। किसी भी प्रकार का लाइसेंस देना हमारे आदेशों का उल्लंघन होगा।''
भाटी ने कहा कि शीर्ष अदालत के 2018 के आदेश के बाद जब दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तब से बहुत काम किया गया है और केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि 2016 के बाद से पटाखों की बिक्री के लिए कोई स्थायी लाइसेंस जारी नहीं किया गया है और जो अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए हैं वे हरित पटाखों के लिए हैं तथा जब सरकार पूर्ण प्रतिबंध लगाती है तो ये लाइसेंस भी निलंबित हो जाते हैं।
पीठ ने भाटी से पूछा कि दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध और आने वाले त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस की क्या कार्ययोजना है।
इस पर भाटी ने कहा, “दिल्ली पुलिस ने एक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया है, जिसके अनुसार पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए थानेवार टीम गठित की जाएंगी। इन टीम के अलावा, उड़नदस्ते भी होंगे जो बाजारों और अन्य क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करेंगे।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)