नयी दिल्ली, 13 नवंबर : दिल्ली सरकार ने अपने विभागों को उपयोगकर्ता शुल्क में संशोधन और बकाया ऋणों की समीक्षा करके गैर-कर राजस्व बढ़ाने और इस संबंध में 25 नवंबर तक कार्य योजना पेश करने का निर्देश दिया है. वित्त विभाग ने एक परिपत्र जारी करके यह निर्देश दिया.
ऋण पर लगने वाला ब्याज, निवेश से लाभ या लाभांश और सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के लिए उपयोगकर्ताओं से लिया जाने वाला शुल्क गैर-कर राजस्व के प्रमुख घटक हैं. परिपत्र में कहा गया है कि कोविड-19 संकट ने कर और गैर-कर संग्रह दोनों को प्रभावित किया है और ऐसे में, गैर-कर राजस्व को बढ़ाने की आवश्यकता बढ़ गई है, जिसकी 2019-20 और 2020-21 में राज्य के कुल राजस्व संग्रह में क्रमश: 2.7 प्रतिशत और 2.9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. यह भी पढ़ें : दिल्ली मेट्रो के 65 स्टेशन से खरीदे जा सकेंगे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के टिकट
इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए अनुरोध किया जाता है कि आपके विभाग संबंधी गैर-कर राजस्व में वृद्धि के लिए एक कार्य योजना बनाकर 25 नवंबर तक इस विभाग को भेजी जाए.’’