पंजाब चुनाव के लिए दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति पर सिफारिशों को नजरअंदाज किया: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) को पंजाब विधानसभा चुनाव में ‘‘मोटे माल’’ की जरूरत थी, इसलिए दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति पर बनाई गई एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया.

बीजेपी (Photo Credits PTI)

नयी दिल्ली, 24 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) को पंजाब विधानसभा चुनाव में ‘‘मोटे माल’’ की जरूरत थी, इसलिए दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति पर बनाई गई एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया. भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि विशेषज्ञ समिति ने आबकारी नीति में शराब की थोक बिक्री का काम निजी हाथों में ना देने के बजाय सरकार के ही हाथों में रखे जाने की सिफारिश की थी ताकि उसके राजस्व में वृद्धि हो. उन्होंने कहा कि समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि शराब की खुदरा ब्रिकी का काम बड़ी कंपनियों को ना देकर ‘लॉटरी’ प्रणाली के माध्यम से व्यक्ति विशेष को दिया जाए.

पात्रा ने आरोप लगाया कि लेकिन आप सरकार ने इन सिफारिशों को नजरअंदाज किया और थोक बिक्री का काम बड़ी निजी कंपनियों के हाथों में सौंप दिया, वह भी बगैर किसी नीलामी या सार्वजनिक नोटिस के. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पंजाब के चुनाव के समय मोटे माल की आवश्यकता थी. जिसने ‘मोटा माल’ दिया... रिपोर्ट को दरकिनार कर उसे शराब का ठेका सौंप दिया गया.’’ भाजपा प्रवक्ता ने दावा कि आबकारी नीति में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में फंसे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बच नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सिसोदिया जी आपने भ्रष्टाचार किया है, इसका सबूत मौजूद है, जांच हो रही है.’’ यह भी पढ़ें : यौन उत्पीड़न के मामले में लेखक को जमानत के निचली अदालत के आदेश पर उच्च न्यायालय की रोक

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया आरोपों का जवाब देने की बजाय ‘‘इधर-उधर’’ की बातें कर रहे हैं और मामले को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं. पात्रा ने केजरीवाल को कथित शराब घोटाले का ‘‘सरगना’’ करार दिया और दावा किया कि उन्हें इस भ्रष्टाचार की जानकारी थी. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इससे संबंधित फाइलों पर वह हस्ताक्षर नहीं करते थे. वह संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव के हस्ताक्षर से संबंधित फाइलों को उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजते थे.’’ पात्रा ने कहा, ‘‘जिस तरह की बौखलाहट आम आदमी पार्टी में विगत कुछ दिनों से देखने को मिल रही है, इससे किसी तरह का संशय नहीं है कि मनीष सिसोदिया को लेकर आम आदमी पार्टी घिरी नजर आ रही है.’’

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