देश की खबरें | दिल्ली की अदालत ने धन शोधन मामले में पत्रकार की जमानत याचिका खारिज की

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नयी दिल्ली, 17 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने चीनी खुफिया अधिकारियों को कथित रूप से संवेदनशील सूचनाएं मुहैया कराने से जुड़े धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह निश्चित रूप से सबूत मिटाने और छिपाने का प्रयास करेगा।

पत्रकार की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा, "शर्मा को कई मौकों पर संदिग्ध स्रोतों से लाखों रुपये नकद में मिले।"

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एक जुलाई को गिरफ्तार किया गया आरोपी उक्त धन की प्राप्ति के संबंध में कोई उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा।

न्यायाधीश ने कहा, "यह और भी दिलचस्प है कि आरोपी की वार्षिक आय बमुश्किल 8.6 लाख रुपये बताई गई थी और फिर भी वह विदेश में अपने बेटे की शिक्षा पर काफी पैसे खर्च कर रहा है, कई विदेश यात्राओं का आनंद ले रहा है और यहां तक ​​कि निवेश के लिए अपने दोस्तों और परिचितों को लाखों रुपये उधार दे रहा है।’’

उन्होंने आगे कहा, "आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। जांच एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है क्योंकि पैसे कहां से आये इसका पता लगाया जाना बाकी है और इस स्तर पर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करना न्याय के हित में नहीं होगा, क्योंकि वह निश्चित रूप से सबूत मिटाने और छिपाने का प्रयास करेगा।"

अपनी जमानत याचिका में, 61 वर्षीय आरोपी ने दावा किया कि उसे मामले में फंसाया गया है और उसके खिलाफ धन शोधन का कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है।

पिछले साल शर्मा के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दिल्ली पुलिस की दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया है।

पत्रकार को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पिछले साल 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था और भारतीय सेना की तैनाती और देश की सीमा रणनीति के बारे में संवेदनशील जानकारी चीनी खुफिया अधिकारियों को देने का आरोप लगाया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसे पिछले साल दिसंबर में इस मामले में जमानत दे दी थी।

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