देश की खबरें | एक हजार करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में दिल्ली की अदालत ने चीनी नागरिक को जमानत दी

नयी दिल्ली, 23 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने एक हजार करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में चीन के एक नागरिक को शुक्रवार को जमानत दे दी और उसे निर्देश दिया कि गूगल मैप के माध्यम से उसका लोकेशन जांच एजेंसियों को पता चलते रहना चाहिए।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने आरोपी लू सांग को राहत देते हुए कहा कि सुनवाई में काफी समय लगने की संभावना है और उसके भागने का खतरा नहीं है।

न्यायाधीश ने यह भी निर्देश दिया कि अदालत के आदेश के बगैर आरोपी देश नहीं छोड़ेगा और अपना पासपोर्ट अदालत को सौंप देगा।

अदालत ने निर्देश दिया, ‘‘वह जांच में सहयोग करता रहेगा। वह संबंधित अदालत की तरफ से सुनवाई की हर तय तारीख पर मौजूद रहेगा। वह अदालत की अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ेगा। वह गूगल मैप से सुनिश्चित करेगा कि जांच एजेंसी को उसके लोकेशन के बारे में पता चलता रहे।’’

अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अभी तक की जांच में अपराध के स्रोत का खुलासा नहीं हुआ है।

वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने आरोपी के लिए जमानत की मांग करते हुए अदालत से कहा कि ईडी धन के स्रोत का पता लगाने में विफल रहा है और यह भी पता नहीं लगा पाया है कि क्या यह ‘‘अपराध का हिस्सा’’ है।

उन्होंने कहा कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और उसे जेल में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इसके बाद अदालत ने उसे जमानत दे दी।

उसे एक लाख रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि के दो और मुचलकों पर रिहा किया गया।

ईडी के मुताबिक आरोपी को कथित तौर पर धनशोधन के लिए 15 जनवरी को उसके व्यावसायिक सहयोगी ली झेनगुआ के साथ गिरफ्तार किया गया।

इसने कहा कि इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपी ने मेसर्स सुनहरा बर्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई जिसका इस्तेमाल वह अपराध के लिए करता था।

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