जरुरी जानकारी | बीते सप्ताह खाद्य तेल-तिलहनों में गिरावट, सरसों में मामूली सुधार

नयी दिल्ली, 21 मई विदेशों में खाद्य तेलों के भाव टूटने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सस्ते आयातित तेलों के आगे महंगा बैठने वाले देशी तेल-तिलहनों की कीमतों के टिक नहीं पाने के कारण सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली। दूसरी ओर नीचे भाव में बिकवाली से बचने के लिए किसानों के द्वारा मंडियों में रोक- रोक कर अपनी उपज लाने के कारण सरसों तेल-तिलहन कीमतों में मामूली सुधार रहा।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्य तेलों के दाम में भारी गिरावट आई है और किसान नीचे भाव में बिकवाली से बचने के लिए मंडियों में कम उपज ला रहे हैं। असमंजस के बीच केवल मजबूरी में थोड़ी बहुत मात्रा में जरूरतमंद किसान बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि, आयातित तेलों के दाम टूटने की वजह से सरसों किसान भारी दबाव में हैं क्योंकि उनका माल खप नहीं रहा है। इन सभी स्थितियों के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल-तिलहन कीमतों में मामूली सुधार है।

सूत्रों ने कहा कि पिछले साल सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,050 रुपये क्विंटल था और किसानों को बाजार से अपनी उपज के लिए 7,000 के लगभग दाम मिले थे। लेकिन इस बार सरसों का एमएसपी 5,450 रुपये क्विंटल है लेकिन बाजार में किसानों को हाल ही में 4,600-4,700 रुपये क्विंटल के दाम मिले हैं।

सूत्रों ने कहा कि ब्राजील और अमेरिका में इस बार बंपर सोयाबीन फसल की उम्मीद है। पिछले सप्ताह आयातित सोयाबीन तेल का दाम 1,025-1,030 डॉलर प्रति टन था जो अब घटकर 960-970 डॉलर प्रति टन रह गया है।

उन्होंने कहा कि चीन की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी का कांडला पोर्ट पर संयंत्र है जो तयशुदा शुल्क (फिक्स्ड ड्यूटी) पर 30 जून तक थोक में ‘नंबर एक’ गुणवत्ता वाला रिफाइंड सोयाबीन तेल 82 रुपये लीटर के भाव पर बेच रही है। इसे पैकर खरीदकर ऊंचे भाव पर बेच रहे हैं। विदेशों में खाद्य तेल-तिलहन के बाजार टूट रहे हैं। यह देशी तेल-तिलहन बाजार की धारणा को तो खराब करेगा ही, देशी तेल मिलों विशेषकर देश के सरसों, बिनौला, सूरजमुखी और सोयाबीन किसानों को गंभीर रुप से प्रभावित कर सकता है। इन स्थितियों के कारण समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल-तिलहन में गिरावट दिखी।

उन्होंने कहा कि खाद्य तेल संगठनों को इस बात की खोज खबर लेनी चाहिये क्योंकि देशी तेल-तिलहन उद्योग के हित में आवाज उठाना उनकी जिम्मेदारी है। ऐसे ही सभी निष्क्रिय रहे तो किसान किस भरोसे आगे तिलहन बुवाई करने की जहमत मोल लेगा?

सूत्रों ने कहा कि अगले महीने मूंगफली की गर्मी की फसल आने वाली है। बाकी खाद्य तेलों के मुकाबले मूंगफली तेल के महंगा होने और खुदरा में दाम ऊंचा होने के कारण यह तेल बाजार में खप नहीं रहा है जिसकी वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट है।

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में गिरावट की वजह से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई। जबकि तेल मिलों को पैसे की दिक्कत की वजह से घबराहट में बिकवाली करनी पड़ रही है। आगे की परिस्थितियों को लेकर बहुत स्पष्टता नहीं है और इन्हीं कारणों से बिनौला तेल में गिरावट है। इतिहास में संभवत: पहली बार बिनौला तेल, सीपीओ से तीन-चार रुपये किलो नीचे बिक रहा है जो 4-5 महीने पहले 40-45 रुपये लीटर अधिक हुआ करता था।

सूत्रों के अनुसार, पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 35 रुपये सुधरकर 4,950-5,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों दादरी तेल 290 रुपये बढ़कर 9,540 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव 35-35 रुपये बढ़कर क्रमश: 1,620-1,700 रुपये और 1,620-1,730 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

सूत्रों ने कहा कि दूसरी ओर समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का भाव क्रमश: 150-150 रुपये टूटकर क्रमश: 5,150-5,225 रुपये और 4,925-5,005 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के भाव क्रमश: 390 रुपये, 490 रुपये और 410 रुपये लुढ़ककर क्रमश: 9,850 रुपये, 9,640 रुपये और 8,140 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

खाद्य तेल कीमतों में गिरावट के अनुरूप मांग कमजोर रहने से समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन, मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव क्रमश: 140 रुपये, 210 रुपये और 45 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,500-6,560 रुपये,16,250 रुपये और 2,430-2,695 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

विदेशों में दाम टूटने से समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 370 रुपये घटकर 8,480 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 310 रुपये टूटकर 9,840 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन एक्स कांडला का भाव भी 320 रुपये की हानि के साथ 8,880 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

इसी तरह बिनौला तेल भी समीक्षाधीन सप्ताह में 170 रुपये की गिरावट दर्शाता 8,680 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

राजेश

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