जरुरी जानकारी | रेपो दर को यथावत रखने के फैसले से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा, महंगाई पर अंकुश लगेगा : विशेषज्ञ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दर को यथावत रखने के फैसले को विशेषज्ञों ने वृद्धि को बढ़ावा देने वाला बताया है। इसके साथ ही उनका कहना है कि इससे मुद्रास्फीति दबाव को भी कम करने में मदद मिलेगी।

मुंबई, आठ जून भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दर को यथावत रखने के फैसले को विशेषज्ञों ने वृद्धि को बढ़ावा देने वाला बताया है। इसके साथ ही उनका कहना है कि इससे मुद्रास्फीति दबाव को भी कम करने में मदद मिलेगी।

मुद्रास्फीति नरम पड़ने के बीच आरबीआई ने बृहस्पतिवार को अपनी चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है।

पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि इस विराम से वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। “हम आर्थिक वृद्धि बनाए रखने और मुद्रास्फीति के दबाव को दूर करने के लिए सरकार और आरबीआई के निरंतर सहयोग की उम्मीद करते हैं।”

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित ने कहा कि केंद्रीय बैंक का रेपो दर में संशोधन नहीं करने का फैसला उम्मीदों के अनुरूप है।

उन्होंने कहा, “आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए औसत मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से थोड़ा अधिक होने का अनुमान जारी रखा है और जीडीपी वृद्धि को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हमारा मानना है कि वृद्धि के लिए कुछ नकारात्मक जोखिम हैं।’’

आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए ओमैक्स लिमिटेड के वित्त विभाग के निदेशक अतुल बंसल ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने वृद्धि समर्थित नीति का रुख दिखाया है।

उन्होंने कहा, “हालांकि, नीतिगत दरों में लगातार बढ़ोतरी के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र ने दर में मामूली कटौती के रूप में केंद्रीय बैंक से कुछ राहत की उम्मीद की थी। इस कदम से मांग और बाद में समग्र अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।”

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक 8-10 अगस्त, 2023 को होगी।

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