भुवनेश्वर, 12 जुलाई ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि राज्य सरकार पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को फिर से खोलने पर शनिवार को फैसला करेगी।
मंदिर का रत्न भंडार आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था और इसे फिर से खोलना राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वादा किया था कि अगर वह ओडिशा में सत्ता में आई तो 12वीं सदी के मंदिर के रत्न भंडार को फिर से खोला जाएगा।
कानून मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा अनुशंसित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के कानूनी और अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। शनिवार को राज्य सरकार का फैसला पता चल जाएगा।’’
पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर का प्रशासन राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन है। उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रबंध समिति ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति के प्रस्तावों को एसओपी में कुछ बदलावों के साथ अनुमोदित कर सरकार की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
रत्न भंडार के निरीक्षण और वहां रखे आभूषणों और कीमती सामानों की सूची बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को खजाने को फिर से खोलने की सिफारिश की थी।
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