नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए डीडीएमए की 27 अक्टूबर को बैठक होगी और संभावना है कि इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगाने के फैसले पर भी ‘पुनर्विचार’ होगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 30 सितंबर को जारी आदेश में महामारी के चलते दिल्ली में यमुना नदी के घाटों, जलाशय और मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगा दी थी।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘डीडीएमए कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए 27 अक्टूबर को बैठक करेगा और इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा करने पर लगाई गई रोक के अपने फैसले पर भी पुनर्विचार करेगा।’’
उल्लेखनीय है कि सांसद मनोज तिवारी सहित दिल्ली भाजपा नेताओं ने छठ पूजा पर रोक के फैसले को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा था और डीडीएमए को पूजा की अनुमति के लिए नए सिरे से प्रस्ताव भेजने की मांग की थी।
छठ पूजा पर प्रतिबंध के मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के विरोध की पृष्ठभूमि में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल से डीडीएमए की यथाशीघ्र बैठक बुलाने और छठ पूजा की अनुमति देने का आह्वान किया था।
इसके बाद बैजल ने मुख्य सचिव को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए डीडीएमए की बैठक बुलाने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि उप राज्यपाल डीडीएमए के अध्यक्ष हैं जबकि मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष।
इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर कोविड-19 को देखते हुए छठ पूजा पर स्थिति स्पष्ट करने और त्योहार के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की थी।
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