नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा देश के भीतर ही रहना चाहिए।
अंबानी ने कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग के डेटा सेंटर स्थापित करने को तैयार भारतीय कंपनियों के लिए बिजली सहित अन्य प्रोत्साहन दिए जाने की भी वकालत की।
अंबानी ने यहां 'आईटीयू डब्ल्यूचीएसए 2024' के उद्घाटन समारोह में एआई को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और विनिर्माण सहित हर क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए एक क्रांतिकारी साधन बताया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एआई बेहद महत्वपूर्ण है।
अंबानी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कहा, ''2047 तक विकसित भारत के हमारे सपने को साकार करने के लिए एआई बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए आपके नेतृत्व में भारत को अधिकतम आत्मनिर्भरता के साथ एआई को तत्काल अपनाना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि रिलायंस जियो हरेक भारतीय के लिए हर जगह एआई के लाभ पहुंचाने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है, जैसा कि मोबाइल ब्रॉडबैंड के मामले में किया था।
अंबानी ने कहा, ''हम एआई का लाभ सभी तक पहुंचाने, भारत में हर किसी को किफायती दरों पर शक्तिशाली एआई मॉडल और सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''
उन्होंने एआई को एक क्रांतिकारी साधन बताते हुए कहा कि यह जीवन के हर पहलू, समाज के हर पहलू और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को पूरी तरह से बदल देगा।
उन्होंने विनिर्माण, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में परिवर्तन की संभावना का हवाला देते हुए कहा कि इससे दक्षता के नये युग की शुरुआत होगी।
उन्होंने कृत्रिम मेधा की शक्ति और क्षमता पर कहा कि एआई में एसएमई सहित विनिर्माण क्षेत्र को पूरी तरह से बदलने की क्षमता है।
अंबानी ने आगे कहा कि जियो राष्ट्रीय एआई बुनियादी ढांचे के लिए आधार तैयार कर रहा है। भारत में बहुभाषी डेटा उत्पादन का पैमाना और गति तेजी से बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ''हम सरकार से डेटा सेंटर नीति 2020 के मसौदे को नया रूप देने में तेजी लाने का अनुरोध करते हैं। भारतीय डेटा भारतीय डेटा सेंटर में ही रहना चाहिए।''
उन्होंने सुझाव दिया कि एआई और मशीन लर्निंग डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए तैयार भारतीय कंपनियों को बिजली की खपत सहित सभी आवश्यक प्रोत्साहन मिलने चाहिए।
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