देश की खबरें | कोविड ने दूसरे वर्ष भी भारत में क्रिसमस का जश्न फीका किया

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर क्रिसमस शनिवार को पूरे देश में मनाया गया, लेकिन कोविड के कारण लगातार दूसरे साल इस पर्व का जश्न फीका रहा। महामारी के चलते गिरजाघरों और अन्य कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ कम रही और उन्होंने बड़े मिलन कार्यक्रमों से परहेज किया। प्रशासन की ओर से भी कुछ क्षेत्रों में कुछ प्रतिबंध रहे।

कोविड-19 रोधी नियमों का पालन करते हुए घंटियां बजने और कैरल (प्रार्थना गीत) के साथ गिरजाघरों में विशेष मध्यरात्रि प्रार्थना के साथ उत्सव की शुरुआत हुई।

नगालैंड में लोगों ने शांति के लिए प्रार्थना की जहां हाल में मोन जिले में गलत पहचान के चलते सुरक्षाबलों की गोलीबारी और उसके बाद हुई हिंसा में 14 लोग मारे गए थे।

गोवा में ईसाई संगठनों ने लोगों से मास्क पहनने, स्वच्छता रखने और भीड़ में उचित दूरी बनाकर रखने सहित कोविड-उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करने को कहा था। प्रार्थना के दौरान भौतिक दूरी बनाकर रखने को अनिवार्य किया गया था और गिरजाघरों तथा चैपल के बाहर स्क्रीन लगाए गए जिन पर प्रार्थना का प्रसारण किया गया।

स्वयंसेवकों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई थी कि हर कोई मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर लोगों को बधाई दी।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘क्रिसमस पर सभी को शुभकामनाएं। हम जीसस क्राइस्ट के जीवन और आदर्श शिक्षा को याद करते हैं, जिनमें सेवा, दयालुता और विनम्रता पर सर्वाधिक जोर है। मैं सभी के स्वस्थ व समृद्ध जीवन की कामना करता हूं। पूरे विश्व में सद्भाव बना रहे, यह प्रार्थना करता हूं।’’

केरल में, श्रद्धालुओं ने कहा कि पिछले साल के क्रिसमस के विपरीत, इस साल के समारोहों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं था। हालांकि, लोगों ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार को देखते हुए मास्क पहनकर, सैनिटाइज़र का उपयोग करके और भौतिक दूरी का पालन करते हुए सतर्कता बनाए रखी।

कार्डिनल मार बेसिलियोस क्लेमिस ने राज्य की राजधानी में सीरो मलंकारा कैथोलिक चर्च के सेंट मैरी कैथेड्रल में मध्यरात्रि प्रार्थना कराई। वहीं, कोच्चि में साइरो मालाबार कैथोलिक चर्च के कार्डिनल मार जॉर्ज अलंचरी ने समारोह संबंधी कार्य कराया।

तमिलनाडु में श्रद्धालुओं ने पारंपरिक उत्साह के साथ यीशु मसीह के जन्म की खुशी मनाई और महामारी का जल्द खात्मा होने की कामना की।

चेन्नई स्थित अन्नाई वेलंकन्नी चर्च पहुंचे श्रद्धालु जकारियास जोसेफ ने कहा, "मुझे खुशी है कि राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिए के कारण मैं इस बार चर्च का दौरा करने में सक्षम हुआ। किसी भी चीज़ से अधिक, हमने लोगों के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की और यह कामना भी की कि महामारी जल्द ही समाप्त हो।"

राष्ट्रीय राजधानी में ईसाई समुदाय ने सावधानी के साथ जश्न मनाया और कम लोग ही गिरजाघरों में पहुंचे।

दिल्ली के रोमन कैथोलिक आर्कडायसी के आर्कबिशप अनिल जोसेफ थॉमस काउटो ने कहा, ‘‘भले ही आगंतुकों पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं था, डीडीएमए के आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति थी। इसलिए, इस साल बहुत से लोग बाहर नहीं आए। पूरी स्थिति के कारण लोग थोड़े चिंतित हैं। बहुत अधिक लोग नहीं आए।’’

कश्मीर में क्रिसमस धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया और श्रद्धालुओं ने घाटी में लोगों के अच्छे स्वास्थ्य तथा समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना की।

क्रिसमस के अवसर पर कश्मीर में सर्वाधिक लोग श्रीनगर शहर के मध्य में मौलाना आज़ाद रोड स्थित होली फैमिली कैथोलिक चर्च में एकत्र हुए और विशेष प्रार्थना की।

इस बीच, कोलकाता के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों के सिलसिले में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शहर के विभिन्न हिस्सों से 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि भीड़ के बीच मास्क नहीं पहनने के कारण 191 अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया।

भारत में पिछले कुछ दिनों में ओमीक्रोन के मामलों में वृद्धि देखी गई है और केंद्र सरकार ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, 10 राज्यों में केंद्रीय टीम तैनात की गई हैं जो ओमीइक्रोन और या कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों के मामलों की बढ़ती संख्या पर रिपोर्ट कर रही हैं।

दस्तावेज के अनुसार, ये 10 राज्य केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पंजाब हैं।

कोविड-19 महामारी ने पिछले साल भी क्रिसमस के जश्न को प्रभावित किया था।

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