देश की खबरें | ओआरओपी के बकाये का भुगतान एक किस्त में करने के लिए पूर्व सैनिकों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली, 26 फरवरी पूर्व सैनिकों के एक समूह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर केंद्र को यह निर्देश देने की मांग की है कि सभी पात्र पेंशनभोगियों को ‘वन रैंक-वन पेंशन’ (ओआरओपी) योजना के बकाये का भुगतान चार किस्तों के बजाय एक किस्त में किया जाए।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ वकील बालाजी श्रीनिवासन के जरिये इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट (आईईएसएम) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 27 फरवरी को करेगी।

पूर्व सैनिकों के इस संघ ने रक्षा मंत्रालय की ओर से 20 जनवरी, 2023 को किये गये पत्राचार को निरस्त करने की भी मांग की है।

पत्राचार में कहा गया था, ‘‘एक जुलाई 2019 से इसके क्रियान्वयन तक पेंशन संशोधन से संबंधित बकाये का भुगतान पेंशन वितरण एजेंसियों द्वारा चार वार्षिक किस्तों में किया जाएगा। हालांकि, विशेष/उदारीकृत पेंशन प्राप्त करने वालों सहित सभी पारिवारिक पेंशनभोगी परिवार पेंशन और सभी वीरता पुरस्कार विजेताओं को एक किस्त में बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।’’

पूर्व सैनिकों ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने एकतरफा संशोधन किया है और पिछले साल 16 मार्च, 2022 के फैसले में इस अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों को पलटने की कोशिश की है।

एसोसिएशन ने कहा है कि याचिका के लंबित रहने के दौरान लगभग चार लाख पेंशनभोगियों की मृत्यु हो गई है और ‘‘16 मार्च, 2022 के फैसले का परिणाम देखे बिना कई और भूतपूर्व सैनिक मर जाएंगे, यदि प्रतिवादियों/भारत सरकार को 16 मार्च 2022 के फैसले पर अमल का निर्देश नहीं दिया जाता है।’’

शीर्ष अदालत ने नौ जनवरी को केंद्र सरकार को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को ओआरओपी के बकाये के भुगतान के लिए 15 मार्च तक का समय दिया था।

शीर्ष अदालत ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों को सभी बकाया राशि का भुगतान तेजी से किया जाए और आगे कोई देरी न हो।

शीर्ष अदालत का 2022 का फैसला ओआरओपी की गणना के केंद्र सरकार के फॉर्मूले के खिलाफ आईईएसएम द्वारा दायर याचिका पर आया था।

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