अदालत ने आईएनएस की सदस्यता का नामांकन रद्द करने के मामले में भारतीय प्रेस परिषद से मांगा जवाब
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नयी दिल्ली, 25 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय प्रेस परिषद के 13वें कार्यकाल के लिये रिक्त स्थान भरने की प्रक्रिया में आईएनएस के प्रस्तावित सदस्य का नामांकन अस्वीकार करने के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर प्रेस परिषद से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने 12 मई को अपने आदेश में भारतीय प्रेस परिषद और केन्द्र को आईएनएस की याचिका पर नोटिस जारी किये। इस याचिका में प्रेस परिषद के 17 मार्च के आदेश को चुनौती दी गयी है जिसमें मध्यम समाचार पत्रों की श्रेणी में हुये रिक्त स्थान के लिये आईएनएस के सदस्य के रूप में मुंबई समाचार के निदेशक हरमुसजी एन कामा का नामांकन अस्वीकार कर दिया था।

अदालत ने इसके साथ ही मध्यम समाचार पत्र की श्रेणी के लिये उपयुक्त पाये गये एक पत्रकार के नामांकन पर रोक भी लगा दी थी। अदालत ने कहा था कि परिषद के 17 मार्च के निर्णय के आलोक में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता आईएनएस अंतरिम राहत के लिये पहली नजर में मामला बनाने में सफल रहा है। अदालत ने केन्द और परिषद को 22 मई तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

बाद में 22 मई को यह मामला न्यायमूर्ति नवीन चावला के समक्ष विचारार्थ आया लेकिन प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता टी सिंहदेव, जो प्रेस परिषद के भी वकील हैं, ने जवाब दाखिल करने के लिये कुछ समय देने का अनुरोध किया।

अदालत ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुये भारतीय प्रेस परिषद को हलफनामा दाखिल करने के लिये समय देते हुये सुनवाई 22 जून के लिये स्थगित कर दी। अदालत ने कहा कि इस दौरान10 मई का अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा।

इससे पहले फरवरी में अदालत ने कामा का नामांकन रद्द करने संबंधी प्रेस परिषद का 20 मार्च 2018 का आदेश रद्द करते हुये आईएनएस द्वारा पेश सामग्री के मद्देनजर उनके नाम पर पुन: विचार करने का निर्देश दिया था।

आईएनएस की नयी याचिका के अनुसार प्रेस परिषद ने 17 मार्च को उनका नामांकन दुबारा अस्वीकार कर दिया जबकि इसी श्रेणी के लिये नामित दो अन्य व्यक्तियों के नामों को केन्द्र को अभी अधिसूचित करना है।

भारतीय प्रेस परिषद कानून के अनुसार इसमें अध्यक्ष और 28 सदस्य होते हैं।

अनूप

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