साढ़े तीन किलो चरस रखने के आरोपी दिव्यांग को अंतरिम जमानत देने से अदालत का इनकार

आरोपी ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित है और उसे जेल में रहने पर कोरोना वायरस की चपेट में आने का डर है।

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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने साढ़े तीन किलो चरस रखने के आरोपी दिव्यांग की अंतरिम जमानत याचिका ठुकरा दी है।

आरोपी ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित है और उसे जेल में रहने पर कोरोना वायरस की चपेट में आने का डर है।

न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए आरोपी की स्वास्थ्य रिपोर्ट का अवलोकन किया, जिसमें दिखाया गया है कि उसकी हालत स्थिर है। उसे जेल के डॉक्टरों और आरएमएल अस्पताल द्वारा नियमित उपचार और दवाएं दी जा रही हैं।

आरोपी बासुदेव ने 45 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी। हालांकि अदालत ने यह कहते हुए इससे इनकार कर दिया कि उसे अंतरिम जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता।

अदालत ने कहा कि बासुदेव कोरोना महामारी के दौरान जमानत पर कैदी को रिहा करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा निर्धारित तीन मानदंडों पर खरा उतरने में विफल रहे।

उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अनुसार विदेशी नागरिकों, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, तेजाब हमलों, मादक पदार्थों, भ्रष्टाचार और आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित मामलों में विचाराधीन कैदियों को कोविड-19 महामारी के दौरान रिहा नहीं किया जाना चाहिये।

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