Swati Maliwal Attack Case: उच्चतम न्यायालय ने स्वाति मालीवाल हमला मामले में की बिभव से पूछताछ,पूछा क्या 'गुंडा' सीएम के घर में घुसा था
Supreme Court | PTI

नयी दिल्ली, 1 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को फटकार लगाते हुए पूछा, ‘‘क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए’’. कुमार ने इस साल की शुरुआत में आप सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित रूप से हमला किया था. न्यायमूर्ति सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जल भुइयां की पीठ ने कुमार की जमानत याचिका अगले बुधवार के लिए सूचीबद्ध की और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दर्ज की गई घटना के विवरण से हैरान है. कुमार ने मामले में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 12 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है और दावा किया है कि उसके खिलाफ आरोप झूठे हैं. उसने यह भी कहा है कि जांच पूरी होने के कारण अब उसकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है . शीर्ष अदालत ने उसकी याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया.

पीठ ने सिंघवी से पूछा, ‘‘क्या मुख्यमंत्री आवास एक निजी बंगला है? क्या इस तरह के 'गुंडे' को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए?’’

सिंघवी ने इस पर कहा कि चोटें गंभीर नहीं थीं और घटना के तीन दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अपनी तीखी टिप्पणियों में, पीठ ने सिंघवी से यह भी पूछा कि राज्यसभा सदस्य मालीवाल का हमले की घटना के दौरान पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल करना क्या संकेत देता है. पीठ ने कहा, ‘‘हम हर दिन भाड़े के हत्यारों, हत्यारों, लुटेरों को जमानत देते हैं, लेकिन सवाल यह है कि किस तरह की घटना....’’ पीठ ने कहा कि जिस तरह से घटना हुई, उससे वह परेशान है. पीठ ने कहा, ‘‘उसने (बिभव कुमार) ऐसा व्यवहार किया जैसे कोई 'गुंडा' मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस आया हो.’’ पीठ ने आगे कहा, ‘‘ हम हैरान हैं? क्या एक युवती से बात करने का यह तरीका है? उसने (बिभव कुमार ने) अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में बताने के बाद भी मालीवाल के साथ मारपीट की.’’ यह भी पढ़ें : Jharkhand Assembly: झारखंड विधानसभा में 24 घंटे से हंगामा कर रहे भाजपा के 18 विधायकों को स्पीकर ने किया सस्पेंड

सिंघवी ने पीठ को बताया कि केजरीवाल के राजनीतिक सचिव कुमार पिछले 75 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने कथित तौर पर 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल के साथ मारपीट की. कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी, महिला पर हमला या उसे निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक बल का प्रयोग और गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है. उसे 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. उसे जमानत देने से इनकार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि आरोपी का ‘काफी प्रभाव’ है और उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जमानत देने पर याचिकाकर्ता मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है.