देश की खबरें | न्यायालय ने अवमानना मामले में टीवी ऐंकर को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण की अवधि बढ़ाई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने 15 जून को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर टीवी एंकर अमीष देवगन को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से मिले संरक्षण की अवधि बृहस्पतिवार को अगले आदेश तक के लिये बढ़ा दी।
नयी दिल्ली, छह अगस्त उच्चतम न्यायालय ने 15 जून को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर टीवी एंकर अमीष देवगन को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से मिले संरक्षण की अवधि बृहस्पतिवार को अगले आदेश तक के लिये बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई के दौरान इस तथ्य का संज्ञान लिया कि देवगन के खिलाफ पहले से ही दर्ज पांच प्राथमिकियों के अलावा एक नयी प्राथमिकी दायर की गयी है।
देवगन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता मृणाल भारती ने कहा कि नयी प्राथमिकी , जो पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर में दायर की गयी थी, को अब उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थानांतरित कर दिया गया है और इसलिए अब न्यूज ऐंकर को संशोधित याचिका दायर करनी होगी।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता इस प्राथमिकी (नोएडा में) में शिकायतकर्ता को पक्षकार बनाने और अपनी पार्थना में उसी के अनुसार संशोधन करने के लिये समय चाहता है। ऐसा आज से दो दिन के भीतर करा जाये। संशोधित याचिका की प्रति ई-मेल/ऑनलाइन के जरिये दाखिल की जाये। नये शामिल प्रतिवादी को नोटिस जारी किया जाये जिसका जवाब एक सप्ताह में दिया जाये।’’
यह भी पढ़े | CLAT 2020 Postponed Again: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट को एक बार अनिश्चित काल के लिए किया गया स्थगित.
पीठ ने सुनवाई स्थगित करते हुये स्पष्ट किया कि देवगन को प्राप्त अंतरिम संरक्षण जारी रहेगा।
न्यायालय ने इस मामले में देवगन को 26 जून को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था जिसकी अवधि बाद में आठ जुलाई को छह अगस्त तक के लिये बढ़ा दी थी। अंतरिम संरक्षण प्रदान करने के साथ ही 15 जून के कार्यक्रम के संदर्भ में उनके खिलाफ दर्ज करायी गयी तमाम प्राथमिकी में जांच पर भी रोक लगा दी थी।
पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार और नये शामिल प्रतिवादी को नोटिस की तामील होने से एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और देवगन की याचिका 31 अगस्त को शुरू हो रहे सप्ताह में सूचीबद्ध कर दी।
टीवी कार्यक्रम ‘आर-पार’ में सूफी संत के बारे में की गयी टिप्पणियों को लेकर देवगन के खिलाफ राजस्थान, महाराष्ट्र और तेलंगाना में पांच प्राथमिकियां दर्ज करायी गयी थीं। हालांकि, देवगन ने बाद में ट्विट करके इन टिप्पणियों के लिये क्षमा याचना करते हुये कहा था कि वह मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी का जिक्र कर रहे थे लेकिन गलती से चिश्ती का नाम ले लिया।
देवगन ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने, जांच पर रोक लगाने और सूफी संत के बारे में उनकी कथित टिप्पणियों की वजह से उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से संरक्षण देने का अनुरोध किया है।
न्यायालय ने इस मामले में महाराष्ट्र, तेलंगाना ओर राजस्थान को नोटिस जारी करते हुये याचिकाकता से कहा था कि प्राथमिकी दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ताओं को भी याचिका में पक्षकार बनाया जाये।
अनूप
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)