नयी दिल्ली, 12 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले के आरोपी पी वरवर राव की स्थाई चिकित्सा याचिका पर 19 जुलाई को सुनवाई करेगा। साथ ही न्यायालय ने राव की अंतरिम सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ा दी।
राव ने स्थायी चिकित्सा जमानत संबंधी उनकी अपील को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए यह याचिका दाखिल की है। राव (83) चिकित्सा आधार पर जमानत पर हैं और आज उन्हें आत्मसमर्पण करना था।
न्यायमूर्ति यू.यू. ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘‘पक्षों की ओर से पेश वकीलों के संयुक्त अनुरोध पर, इस मामले को पहले मामले के तौर पर 19 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता को जो अंतरिम सुरक्षा दी गयी है वह अगले आदेश तक जारी रहेगी...।’’
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से अनुरोध किया था कि मामले पर बुधवार को अथवा बृहस्पतिवार को सुनवाई की जाए।
मेहता ने कहा, ‘‘अगर ऐसा हो सके तो, आप माननीयों की सुविधा पर इसे कल अथवा परसों के लिए रखिए और जो भी सुरक्षा हो वह जारी रहे।’’
पीठ में न्यायमूर्ति एस आर भट्ट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया शामिल थे।
राव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि याचिकाकर्ता को आज आत्मसमर्पण करना है और अदालत को अंतरिम सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।
पीठ ने ग्रोवर से कहा, ‘‘ जो वह (मेहता) कह रहे हैं वो यह है कि सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि अंतरिम सुरक्षा 19 जुलाई तक बढ़ाई जाए।
पीठ ने कहा,‘‘ अगर किन्हीं कारणों से मामले पर सुनवाई नहीं हुई, तो हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते जहां व्यक्ति को उठा लिया जाए।’’
गौरतलब है कि यह मामला 31 दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। पुलिस का दावा है कि इस भाषण की वजह से अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा फैली।
पुलिस का दावा है कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों के माओवादियों से संबंध हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)