उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए आपात बैठक करने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को सोमवार को निर्देश दिया कि वह अनावश्यक भवन निर्माण कार्यों, परिवहन एवं बिजली संयंत्रों का संचालन रोकने और घर से काम लागू करने जैसे कदम उठाने के लिए मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाए.

उच्चतम न्यायालय (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली, 15 नवंबर : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्र को सोमवार को निर्देश दिया कि वह अनावश्यक भवन निर्माण कार्यों, परिवहन एवं बिजली संयंत्रों का संचालन रोकने और घर से काम लागू करने जैसे कदम उठाने के लिए मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाए. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब और दिल्ली के संबंधित सचिवों को अदालत की तरफ से बनाई गई समिति के समक्ष अपने प्रतिवेदन देने के लिए बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी इस पीठ में शामिल थे. पीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों के शपथ पत्र दाखिल करने और सुनवाई के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि प्रदूषण बढ़ने के लिए कुछ हिस्सों में पराली जलाए जाने के अलावा निर्माण गतिविधियां, उद्योग, परिवहन, ऊर्जा और वाहनों की आवाजाही मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम द्वारा कुछ निर्णय किए गए हैं, लेकिन इसने सटीक तरीके से यह नहीं बताया है कि वे वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारकों को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाने जा रहे हैं.’’ पीठ ने कहा, ‘‘इसके मद्देनजर हम भारत सरकार को निर्देश देते हैं कि वह कल एक आपात बैठक करे और हमने जिन क्षेत्रों की बात की है, उन पर चर्चा करे तथा यह देखे कि वह वायु प्रदूषण को प्रभावी तरीके से काबू करने के लिए क्या आदेश पारित कर सकती है. यह भी पढ़ें : युवक की सनक: गांव के बच्चे का गला रेतकर हत्या, खुद के पिता को भी कुल्हाड़ी से काटा, बिहार के भागलपुर में हुई दिल दहलाने देने वाली वारदात

जहां तक पराली जलाए जाने की बात है, तो शपथपत्र व्यापक रूप से कहते हैं कि दो महीनों को छोड़ दिया जाए, तो उसका योगदान बहुत अधिक नहीं है. बहरहाल, इस समय हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने की घटनाएं बड़ी मात्रा में हो रही हैं.’’ शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से किसानों को दो सप्ताह तक पराली नहीं जलाने के लिए मनाने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सरकार, एनसीआर राज्यों को निर्देश देते हैं कि वे कर्मियों के लिए घर से काम जैसे विकल्प की समीक्षा करें.’

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