नयी दिल्ली, 16 फरवरी उच्चतम न्यायालय पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर उस जनहित याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर बृहस्पतिवार को सहमत हो गया जिसमें केंद्र को रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ एवं न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता की इस अर्जी पर संज्ञान लिया कि अब तक इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया गया है और इसलिए जनहित याचिका को अब सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘संविधान पीठ के मामलों में सुनवाई खत्म करने के बाद हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।’’
प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर दिल्ली-केंद्र विवाद सहित विभिन्न मामलों में सुनवाई कर रही है।
शीर्ष अदालत को इससे पहले 19 जनवरी को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि केंद्र ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित करने संबंधी मामले को देख रहा है।
अदालत ने केंद्र से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कहा था और स्वामी से कहा था कि अगर वह इससे संतुष्ट नहीं हों तो वे इस मुद्दे पर अपने अंतरिम आवेदन के निपटारा के लिए उसके समक्ष फिर से अर्जी देने को स्वतंत्र हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘सॉलिसिटर जनरल से पता चला कि संस्कृति मंत्रालय में वर्तमान में प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता (स्वामी) अगर चाहें तो अतिरिक्त अर्जी दे सकते हैं।’’
स्वामी ने कहा था, ‘‘मैं किसी से मिलना नहीं चाहता... हम एक ही पार्टी में हैं, यह हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा है। उन्हें छह हफ्ते में या जब भी .... फैसला करने दीजिए।’’
भाजपा नेता ने कहा था, ‘‘मैं फिर आऊंगा।’’ स्वामी ने कहा था कि 2019 में तत्कालीन संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई थी और उन्होंने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित करने के लिए सिफारिश की थी।
उन्होंने कहा था, ‘‘मुद्दा यह है कि उन्हें तो ‘हां’ या ‘ना’ कहना होगा।’’ विधि अधिकारी ने कहा था कि सरकार इस मामले में विचार कर रही है।
इससे पूर्व शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह फरवरी के दूसरे हफ्ते में स्वामी की याचिका पर सुनवाई करेगी।
‘रामसेतु’ जिसे ‘एडम्स ब्रिज’ भी कहा जाता है, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पम्बन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिम तट पर मन्नार द्वीप के बीच पत्थरों की एक श्रृंखला है।
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