देश की खबरें | निगम ने अदालत से कहा, संक्रमित और गैर संक्रमितों का अंतिम संस्कार सुचारू रूप से किया जा रहा है

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नयी दिल्ली, 28 जून उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि कोरोना वायरस के कारण मरने वालों और अन्य किसी कारण से जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार सुचारू रूप से किया जा रहा है और शहर के किसी भी शवदाहगृह में अंतिम संस्कार करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है।

एक गैर सरकारी संगठन ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है जिसके जवाब में निगम ने यह हलफनामा दाखिल किया है। यह एनजीओ दिल्ली में हरित शवदाहगृहों का संचालन करता है और उसने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए अपने शवदाहगृह का इस्तेमाल करने की पेशकश की है।

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निगम ने यह भी कहा कि मोक्षदा पर्यावरण एवं वन सुरक्षा समिति निगमबोध घाट पर पहले से ही छह शवदाहगृहों का संचालन कर रही है तथा इसे और शवदागृहों का संचालन करने की इजाजत देने से सिर्फ भ्रम की स्थिति पैदा होगी।

एनडीएमसी ने कहा कि निगम को कोई प्रस्ताव देने से पहले ही एनजीओ ने अदालत का रुख कर दिया और याचिका समय पूर्व है और खारिज करने लायक है।

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निगम का प्रतिनिधित्व वकील गौरव कुमार बंसल कर रहे हैं।

हलफनामे में कहा गया है कि कोविड-19 के अलावा अन्य कारण से मरे लोगों का अंतिम संस्कार करने के लिए छह हरित मोक्षदा भट्टियों और 50 लकड़ी आधारित चिताओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार करने के लिए 57 लकड़ी आधारित चिताओं और तीन सीएनजी भट्टियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

निगम ने कहा कि फिलहाल वह रोजाना कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले 367 लोगों का अंतिम संस्कार कर रहा है जो वर्तमान औसत आवश्यकता के दोगुने से अधिक है। इसलिए निगम बोध घाट पर एनडीएमसी के तहत आने वाले किसी भी शवदागृह में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है और शवों का अंतिम संस्कार गरिमा के साथ किया जा रहा है।

उसने कहा कि तीनों निगमों के पास शवों का अंतिम संस्कार करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है और वह कोविड-19 के कारण और किसी अन्य वजह से जान गंवाने वाले दोनों ही तरह के मामलों में शवों का अंतिम संस्कार कर सकता है।

निगम ने कहा कि कोविड-19 संक्रमितों का दाह संस्कार सुचारू रूप से चल रहा है और किसी भी शवदागृह में प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ रही है। ये 24 घंटे संचालित हो रहे हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपने जवाब में कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उसकी जिम्मेदारी नीतियां, योजनाएं और दिशा-निर्देश तय करना है ताकि किसी भी आपदा से प्रभावी और समय पर निपटा जा सके।

उसने आपदा के बाद शवों के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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