नयी दिल्ली, 26 जुलाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है और अभी भी वह उतना ही घातक है जितना शुरुआत के दिनों में था। उन्होंने लोगों से पूरी सावधानी बरतने की अपील की।
आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की 67वीं कड़ी में लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी सकारात्मक रुख अपनाने और आपदा को अवसर में बदलकर स्थानीय स्तर पर किए गए प्रयोगों के लिए देशवासियों की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है। कई स्थानों पर यह तेजी से फैल रहा है। हमें बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हमें यह ध्यान रखना है कि कोरोना वायरस अब भी उतना ही घातक है जितना शुरू में था। इसीलिए, हमें पूरी सावधानी बरतनी है।’’
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना वायरस से मुकाबला किया है उसने अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि देश में इस महामारी से उबरने की दर अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है। साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफी कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से एक भी व्यक्ति को खोना दुखद है, लेकिन भारत अपने लाखों देशवासियों का जीवन बचाने में भी सफल रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए लोगों से चेहरे पर मास्क लगाने या गमछे का उपयोग करने, दो गज की दूरी का पालन करने, लगातार हाथ धोने, कहीं पर भी थूकने की आदत से तौबा करने के साथ ही साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं। हमें एक नागरिक के नाते इसमें जरा भी कोताही ना बरतनी है और न किसी को बरतने देनी है।’’
मोदी ने यह भी कहा कि परेशानी के चलते कुछ लोग जब मास्क की ज्यादा जरूरत होती है तभी हटा देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को उन कोरोना योद्धाओं से सीखना चाहिए जो घंटों मास्क पहनकर लोगों का जीवन बचाने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि देशवासियों को जहां एक तरफ कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है तो वहीं दूसरी ओर कठोर मेहनत से अपने कामकाज में गति लानी है और उसको भी नई ऊंचाई पर ले जाना है।’’
प्रधानमंत्री ने कोराना काल में जनता के प्रयासों का जिक्र करते हुए जम्मू के त्रेवा ग्राम पंचायत की सरपंच बलबीर कौर, गान्देरबल के चौंटलीवार की महिला सरपंच जैतूना बेगम और अनंतनाग के नगर पालिका अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल की ओर से किए गए कार्यों की जमकर प्रशंसा की।
मोदी ने इस दौरान ‘‘सकारात्मक’’ रुख अपनाते हुए प्रतिभा और कौशल के दम पर नए प्रयोग करने के लिए बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर के राज्यों के विभिन्न समूहों की भी तारीफ की।
उन्होंने मधुबनी पेंटिंग्स वाले मास्क बनाने वाले बिहार के महिला स्व-सहायता समूहों, बांस से पानी की बोतल और टिफिन बॉक्स बनाने के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों में, लेमन ग्रास की खेती के लिए झारखंड के किसानों, लद्दाख में खुबानी जैसे फल को मौसम की मार से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए कच्छ के किसानों की सराहना की।
मोदी ने बिहार में अपने गांवों में मोतियों की खेती करने के लिए वहां के कुछ युवाओं की तारीफ की और कहा कि लोगों के ऐसे ही प्रयासों से आत्मनिर्भरता के रास्ते खुल गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यही तो आत्मनिर्भरता की बात है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार 15 अगस्त भी कोरोना वायरस महामारी की इस आपदा के बीच ‘‘अलग परिस्थितियों’’ में होगा।
उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे स्वतंत्रता दिवस पर महामारी से आजादी का संकल्प लें, आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लें, कुछ नया सीखने और सिखाने का संकल्प लें तथा अपने कर्त्तव्यों के पालन का संकल्प लें।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने सूरीनाम के नये राष्ट्रपति चन्द्रिका प्रसाद संतोखी द्वारा अपने शपथ की शुरुआत वेद मन्त्रों के साथ करने और संस्कृत का अपयोग करने के लिए देशवासियों की तरफ से उन्हें बधाई दी।
उन्होंने कहा, ‘‘ये, हम सभी के लिए गौरवान्वित होने वाली बात है।’’
प्रधानमंत्री ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं को भी भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
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