यूनिसेफ ने इन क्षेत्रों के सात देशों में 7,000 हजार से अधिक परिवारों पर एक सर्वेक्षण कराया, जिसमें 13,000 बच्चों को शामिल किया गया। एजेंसी ने पाया कि सर्वेक्षण में शामिल 90 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी से उनके बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
यूनिसेफ के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक टेड काइबन ने सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा, ''घूमने-फिरने पर पाबंदियों और स्कूल बंद होने से बच्चों की दिनचर्या, सामाजिक मेल-मिलाप और अंत में उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। ''
संयोगवश इस रिपोर्ट को विश्व बाल दिवस पर जारी किया गया।
एजेंसी के अनुसार सर्वे में शामिल 50 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि उनके बच्चे मानसिक और भावनात्मक रूप से संघर्ष कर रहे हैं।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि घरों में कैद परिवारों के बीच चिंता और तनाव बढ़ने से घरेलू हिंसा की संभावना बढ़ रही है, जिसका शिकार अकसर महिलाएं और बच्चे होते हैं।
यूनिसेफ ने अप्रैल और जुलाई 2020 के बीच अल्जीरिया, मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को, कतर, सीरिया और ट्यूनीशिया में यह सर्वेक्षण कराया था।
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