देश की खबरें | देशभर में एक जैसा हो कोरोना उपचार प्रोटोकॉल : गहलोत
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

जयपुर, दो दिसंबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए देश भर में एक ही 'प्रोटोकॉल' की वकालत करते हुए बुधवार को कहा कि अलग-अलग उपचार से रोगियों व चिकित्सकों में भ्रम बना रहता है। इसके साथ ही उन्होंने दोहराया कि राजस्थान का कोरोना प्रबंधन एक मिसाल है।

गहलोत राजस्थान के कोरोना प्रबंधन को देखने आए केन्द्रीय दल के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कहा कि महामारी के प्रबंधन में राजस्थान ने जिस दृढ़ इच्छाशक्ति, संवेदनशीलता, मानवीय नजरिये और सतर्कता के साथ काम किया है वह एक मिसाल है।

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उन्होंने कहा कि इस समय सभी राज्यों में कोरोना का अलग-अलग 'प्रोटोकॉल' से उपचार किया जा रहा है इससे रोगियों और चिकित्सक समुदाय में भ्रांति बनी रहती है कि कौनसा उपचार प्रोटोकॉल अधिक कारगर है। उन्होंने अनुरोध किया है कि केन्द्र सरकार इस दिशा में पहल करे और आईसीएमआर के माध्यम से देशभर के लिए एक समान चिकित्सा प्रोटोकॉल निर्धारित करे।

उन्होंने कहा कि हमने ‘राजस्थान सतर्क है’ को ध्येय वाक्य बनाकर कोरोना के बेहतरीन प्रबंधन की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान ही वह राज्य है जिसने भीलवाड़ा मॉडल देश को दिया और 'कन्टेनमेन्ट जोन' को सख्ती से लागू करने सहित अन्य सख्त उपायों से कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने में कामयाबी पाई। उन्होंने कहा, “हम रिकवरी दर अच्छी रखने के साथ ही मृत्यु दर को लगातार एक प्रतिशत से भी नीचे रखने में कामयाब रहे हैं। इसी का परिणाम है कि राजस्थान कोरोना के सभी मानकों पर बेहतर स्थिति में है।”

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उन्होंने लॉकडाउन व उसके बाद जनहित में तथा कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना का पहला मामला आने तक जहां हमारी जांच क्षमता शून्य थी उसे अब 60,000 जांच प्रतिदिन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि हर जिले में जांच की सुविधा उपलब्ध है और राजस्थान में सारी जांच आरटीपीसीआर से हो रही हैं।

सरकारी बयान के अनुसाार नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में किए जा रहे कोरोना प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम है, जो काफी बेहतर है। केन्द्रीय दल में केन्द्रीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विशेषाधिकारी सुधांश पंत, अतिरिक्त निदेशक डॉ. अवधेश कुमार भी सम्मिलित थे।

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