कोरोना संकट: कृषि निर्यात फिर से शुरु करने की बाधा खत्म करने पर विचार

अग्रवाल ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कृषि-निर्यातकों के साथ एक चर्चा करने के बाद कहा कि सरकार, लॉकडाउन के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के अलावा मसाला और काजू गीरी क्षेत्र को कम संख्या में कर्मचारियों (25 से 30 प्रतिशत कर्मचारियों) को लेकर काम करने की अनुमति देने के सुझाव पर गौर करेगी।

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नयी दिल्ली, 14 अप्रैल कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए माल बंदरगाह, मालगाड़ी या कूरियर सेवाओं के ठिकानों तक पहुंचाने की सुविधा जैसे मसलों पर ध्यान देगी। उन्होंने कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू सार्वजनिक प्रतिबंधों के बीच यह बात कही है।

अग्रवाल ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कृषि-निर्यातकों के साथ एक चर्चा करने के बाद कहा कि सरकार, लॉकडाउन के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के अलावा मसाला और काजू गीरी क्षेत्र को कम संख्या में कर्मचारियों (25 से 30 प्रतिशत कर्मचारियों) को लेकर काम करने की अनुमति देने के सुझाव पर गौर करेगी।

निर्यातकों ने कहा कि उन्हें कामगारों की उपलब्धता और उनकी आवाजाही, अंतर-राज्यीय परिवहन की अड़चनों, कुछ मंडियों के बंद होने के कारण कच्चे माल की कमी, स्वच्छता प्रमाणपत्र, कूरियर सेवाओं के बंद होने के कारण शिपिंग दस्तावेजों की आवाजाही में बाधा, माल ढुलाई सेवाओं की अनुपलब्धता, बंदरगाहों या यार्डों तक पहुंच बनाने में समस्या तथा आयात एवं निर्यात के लिए माल की निकासी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

कृषि सचिव ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, मसाले, काजू और संबंधित मशीन और उपकरण क्षेत्रों के कामकाज को 25-30 प्रतिशत कर्मचारियों की संख्या के साथ खोलने की अनुमति देने का अनुरोध कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ किया जाएगा।

एक सरकारी बयान के अनुसार, आंतरिक परिवहन के मुद्दे पर गृह मंत्रालय द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और आवश्यक निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वच्छता एवं साफ सफाई प्रमाणपत्र जारी करने और ऑनलाइन प्रमाणपत्र की स्वीकृति के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं।’’

राजेश

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