देश की खबरें | विधेयकों पर विवाद: मामले को दूसरी पीठ को सौंपने संबंधी केरल सरकार की याचिका पर विचार करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली, 25 मार्च उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह केरल विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर राज्यपाल के खिलाफ राज्य सरकार की याचिकाओं को दूसरी पीठ को सौंपने के अनुरोध पर विचार करेगा।

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के. के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि याचिकाएं अत्यावश्यक हैं और इन्हें न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली उस पीठ को सौंपा जा सकता है, जिसने हाल ही में तमिलनाडु सरकार की इसी तरह की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘कृपया उल्लेख पर्ची पेश करें। मैं विचार करुंगा।’’

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘राज्यपाल लंबित विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजते हैं, राष्ट्रपति उन्हें एक साल तीन महीने तक अपने पास रखते हैं और कल हमें दो विधेयकों की अस्वीकृति का पत्र मिला। यह बहुत ही अत्यावश्यक मामला है।’’

शीर्ष अदालत ने इससे पहले 2023 में केरल राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों पर तत्कालीन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के दो साल तक "बैठे रहने" पर नाराजगी व्यक्त की थी।

खान अब बिहार में राज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस बारे में दिशा-निर्देश निर्धारित करने पर विचार करेगी कि राज्यपाल कब विधेयकों को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज सकते हैं।

पीठ ने नोट किया था कि केरल के राज्यपाल ने तब आठ विधेयकों के संबंध में निर्णय लिये थे और उन्हें मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और संबंधित मंत्री से मिलकर इन विधेयकों पर चर्चा करने के लिए कहा था। पीठ ने यह भी कहा था कि "आशा करते हैं कि कुछ राजनीतिक समझदारी" काम करेगी।

पीठ राज्य विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों पर राज्यपाल द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने के खिलाफ केरल सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

वेणुगोपाल ने कहा था कि समय आ गया है कि शीर्ष अदालत कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित करे कि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए कब सुरक्षित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल को विधेयकों पर बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे शासन व्यवस्था बाधित होती है।

वेणुगोपाल ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा के साथ काम करने के बजाय विरोधी की तरह काम कर रहे हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)