इडुक्की (केरल), नौ मार्च मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के वरिष्ठ नेता सी. वी. वर्गीज के कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष के. सुधाकरन के संबंध में दिये गये एक कथित बयान को लेकर बुधवार को एक राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।
यह विवाद उस वीडियो के सामने आने के बाद खड़ा हुआ जिसमें माकपा की इडुक्की जिला इकाई सचिव ने कथित तौर पर कहा, ‘‘सुधाकरन का जीवन माकपा के एहसान तले दबा है क्योंकि उनकी पार्टी एक ‘‘निरीह प्राणी’’ को मारना नहीं चाहती थी।’’
वर्गीज की इस कथित टिप्पणी के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने वर्गीज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किये जाने की मांग की।
मार्क्सवादी पार्टी द्वारा हाल में चेरुथोनी में, कांग्रेस की कथित ‘‘हत्या की राजनीति’ के खिलाफ आयोजित एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की गई थी। पार्टी ने यहां सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एसएफआई कार्यकर्ता धीरज की हत्या के मद्देनजर एक बैठक बुलाई थी।
सुधाकरन ने धीरज की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बचाव किया था।
वर्गीज का विवादित भाषण सामने आते ही के. सी वेणुगोपाल, विपक्षी नेता वी. डी सतीसन और रमेश चेन्नीथला समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सुधाकरन के समर्थन में आ गए।
सतीसन ने कहा कि माकपा जिला सचिव ‘‘सड़क के गुंडे’’ की तरह बोल रहे हैं। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी पार्टी ने पहले भी कई बार सुधाकरन को मारने की साजिश रची थी और अब सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार कर लिया है।
चेन्नीथला ने कहा, ‘‘बयान कानून के शासन के लिए एक चुनौती है ... जिला सचिव को इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि सुधाकरन कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं। माकपा ऐसे लोगों को जिला सचिव नियुक्त करती है जो इस तरह के भड़काऊ और अपमानजनक बयान देते हैं।’’
चेन्नीथला ने कहा कि वर्गीज के बयान ने साबित कर दिया कि माकपा हत्या की राजनीति की पैरोकार है।
हालांकि, माकपा नेता ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उनका भाषण हाल की बैठक में सुधाकरन द्वारा कही गई बातों का सिर्फ एक जवाब था, जहां उन्होंने धीरज के हत्यारों का दृढ़ता से ‘‘बचाव’’ किया था।
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