
भुवनेश्वर, 27 मार्च कांग्रेस समर्थकों को बृहस्पतिवार को विधानसभा तक मार्च करने से रोके जाने के बाद भुवनेश्वर में पुलिस के साथ झड़प में लगभग 25 लोग घायल हो गए।
कांग्रेस समर्थक महिलाओं के खिलाफ अपराधों की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे थे। उनका आरोप है कि पिछले साल जून में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से इन अपराधों में बढ़ोतरी हुई है।
एक अधिकारी ने बताया कि घायलों में 15 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जिनमें से अधिकतर को शहर के मध्य में महात्मा गांधी मार्ग पर रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा फेंके गए पत्थरों से चोटें आईं।
स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामलों की जांच के लिए एक सर्वदलीय सदन समिति की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग किया और इसके बजाय उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था।
पुलिस ने कहा कि उन्हें बल प्रयोग करने के लिए बाध्य होना पड़ा, क्योंकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पहला बैरिकेड तोड़कर ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर, बोतलें और प्लास्टिक की कुर्सियां फेंकी।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) नरसिंह भोला ने कहा, "प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव में 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए। उनमें से चार की हालत गंभीर है। एक टीवी पत्रकार के सिर में भी चोट आई है।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने पुलिस को आश्वासन दिया था कि वे कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।
उन्होंने कहा, "कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीणा ने बताया, "भीड़ में शामिल कुछ लोगों को चोटें भी आई हैं। सभी का कैपिटल अस्पताल में इलाज चल रहा है।"
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बीएनएसएस धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया, जो विधानसभा के बजट सत्र के कारण क्षेत्र में लगाई गई थी।
उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन विधानसभा की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
मीणा ने कहा, "हमें सूचना मिली है कि पुलिस वाहन को आग लगाने का प्रयास किया गया था। सौभाग्य से वैन का चालक इसे विफल करने में कामयाब रहा। हम घटना की जांच कर रहे हैं।"
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने आरोप लगाया, "पुलिस ने अत्यधिक बल प्रयोग किया और कार्यकर्ताओं पर उस समय हमला किया जब वे विधानसभा की ओर जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों पर हमला करने का कोई मतलब नहीं था। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती थी।"
उन्होंने कहा, "हमारे कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं और उनमें से चार की हालत गंभीर है। कार्यकर्ताओं का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हमें गिरफ्तारी का डर नहीं है।"
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में करीब 10 कार्यकर्ता घायल हुए हैं और उनमें पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जयदेव जेना भी शामिल हैं, जिनके हाथ में चोट आई है।
ओडिशा के कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर "पुलिस बर्बरता" की निंदा की।
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