नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर कांग्रेस ने मणिपुर के मुद्दे को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूर्वोत्तर के इस राज्य को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और कहा कि वह अपनी जवाबदेही एवं जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मणिपुर में हिंसा भड़कने और राज्य में सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का आज 175वां दिन है। लेकिन खुद मणिपुर की जनता और राज्य में मेल-मिलाप एवं परस्पर विश्वास पैदा करने की प्रक्रिया को गति देने के पक्षधर लोगों द्वारा पूछे जाते रहे हैं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री और राज्य के निर्वाचित विधायकों से भी मुलाकात क्यों नहीं की, जिनमें से अधिकांश उनकी अपनी पार्टी के हैं या उनकी पार्टी के सहयोगी हैं?’’
लोकसभा में मणिपुर (इनर) क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विदेश राज्य मंत्री (राजकुमार रंजन सिंह) प्रधानमंत्री से क्यों नहीं मिल पाए हैं?
रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘सभी विषयों पर बोलने वाले प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर सार्वजनिक रूप से अधिकतम 4-5 मिनट से अधिक बोलना क्यों उचित नहीं समझा, वह भी नियमित तरीके से और विपक्ष के भारी दबाव के बाद?’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिस प्रधानमंत्री को बिना सोच-विचार के यात्रा करना पसंद है, उन्होंने अपनी चिंता दिखाने के लिए मणिपुर में कुछ घंटे बिताना भी उचित क्यों नहीं समझा? जो मुख्यमंत्री मणिपुर के समाज के सभी वर्गों में इतनी बुरी तरह से बदनाम हो गए हैं, उनको अभी भी पद पर बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर और पूरे पूर्वोत्तर के लोग करीब से देख रहे हैं कि कैसे प्रधानमंत्री ने मणिपुर राज्य को ऐसे समय में छोड़ दिया है, जब उनके हस्तक्षेप और मौजूदगी की सबसे ज्यादा जरूरत थी। संकट को पूरी तरह से नजरअंदाज करके वह जवाबदेही और जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।’’
हक
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