देश की खबरें | कांग्रेस ने कर्नाटक की जनता का पैसा हालिया पांच राज्यों के चुनाव में खर्च किया : देवेगौड़ा

बेंगलुरु, पांच जनवरी जनता दल-सेकुलर प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पांच राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की मदद करने के लिए ‘जनता के पैसे’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने इसको लेकर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के.शिवकुमार पर निशाना साधा।

देवेगौड़ा ने सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह कर्नाटक से खासतौर पर बेंगलुरु से पैसे क प्रवाह पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस तक होने को रोक नहीं सके।

जद(एस)पिछले साल सितंबर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई थी। यह घटनाक्रम देवेगौड़ा और उनके बेटे एच.डी.कुमारस्वामी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से नयी दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद सामने आया।

दोनों पार्टियों ने कहा कि वे कर्नाटक में आगामी लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे।

पिछले साल मई में हुए 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जद(एस) का प्रदर्शन खराब रहा था और पार्टी केवल 19 सीट ही जीत सकी थी। कांग्रेस ने 135 सीट पर जबकि भाजपा 66 सीट पर विजयी रही थी।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवकुमार का संदर्भ देते हुए देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘अब सामने आ रहा है कि वह कहां-कहां गए थे और कितना पैसा पहुंचाया था।’’

राज्य में साफ-सुधरी सरकार देने के सिद्धरमैया के दावे को लेकर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि वह जनना चाहते हैं कि क्यों बेंगलुरु में हो रहे ‘अवैध कार्यों’ को वह रोक नहीं पा रहे हैं।

यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जद(एस) प्रमुख ने कहा, ‘‘कृपया इसे अन्यथा न लें तो पांच राज्यों के चुनाव के दौरान यहां से कितना पैसा ले जाया गया? यह किसकी संपत्ति है? यह कर्नाटक की जनता का पैसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे उपमुख्यमंत्री (शिवकुमार) और उनकी बदतमीजी... वह कहां गए, उन्होंने कितना पैसा पहुंचाया, ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) ने कितना पैसा जब्त किया, यह अब सबके सामने है। ये पैसा कहां से पहुंचाया गया? यहां बेंगलुरु से।’’

गौड़ा ने कहा, ‘‘बेंगलुरु की सभी एजेंसियां (जैसे बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका और बेंगलुरु विकास प्राधिकरण) और सिंचाई विभाग उनके (उपमुख्यमंत्री के) पास हैं। यहां क्या हो रहा है यह देखकर मैं शर्मिंदा हो जाता हूं।’’

उन्होंने जानना चाहा कि सिद्धरमैया इसे (भ्रष्टाचार) क्यों नहीं रोक पा रहे हैं।

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