देश की खबरें | कांग्रेस ने 'राइजिंग राजस्थान' की सफलता पर उठाए सवाल, ब्यौरे की मांग की
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जयपुर, 19 दिसंबर राजस्थान में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हाल ही में आयोजित 'राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट' की सफलता पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से इसका ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग की।
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि इस आयोजन का उद्देश्य 'बड़ा आंकड़ा बताकर प्रधानमंत्री को खुश करना व जनता को गुमराह करना' था।
इस तीन दिवसीय 'समिट' (शिखर सम्मेलन) का उद्घाटन नौ दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था और राज्य सरकार का यह दावा है कि इसके दौरान विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों के साथ 35 लाख करोड़ रुपये के करार पर हस्ताक्षर किए गए।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यहां दावा किया कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां सरकार ने निवेश का आंकड़ा बढ़ाने के लिए निजी कॉलेजों या अन्य छोटी फर्मों के साथ भारी मात्रा में समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
डोटासरा ने यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, "यह हेर-फेर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए किया। यह सम्मेलन उद्योगपतियों को मुफ्त जमीन देने के अलावा और कुछ नहीं था। सरकार ने लोगों को गुमराह किया है और हम राजस्थान की संपदा को लूटने नहीं देंगे।"
उन्होंने कानून और व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार पर निशाना साधा।
डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) ने सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर सफल आयोजनों को लेकर आभार जताने के लिए विप्र (ब्राह्मण) समाज को संबोधित पत्र जारी किया।
कांग्रेस नेता के अनुसार सिर्फ एक समाज को महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में सभी वर्ग और समाज के लोगों ने भाग लिया, लेकिन ओएसडी ने सिर्फ विप्र समाज का ही आभार क्यों व्यक्त किया?
उन्होंने कहा, ''इससे मुख्यमंत्री की अनुभवहीनता और कमजोर पकड़ का पता चलता है।''
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मांग की कि राज्य सरकार निवेश सम्मेलन में हुए समझौतों का ब्यौरा सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया है कि 35 लाख करोड़ रुपये के समझौते हुए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि किस कंपनी के साथ समझौते हुए और कंपनी की स्थिति क्या है।
उन्होंने कहा कि 25 लाख रुपये की मूल्य वाली कंपनियां 1,000 करोड़ रुपये के एमओयू कर रही हैं। सरकार को यह बताना चाहिए कि किस कंपनी ने कितनी राशि के एमओयू किए और कंपनियों का मूल्य क्या है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सम्मेलन के नाम पर सिर्फ लोगों को गुमराह किया है।
कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने दावा किया कि इस सम्मेलन में विनिर्माण क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया और सिर्फ सौर ऊर्जा क्षेत्र पर ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जमीन पर निजी कंपनियों द्वारा लगाए जाने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों से राज्य को कोई वित्तीय फायदा नहीं होगा और ये सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर निवेश शिखर सम्मेलन में ध्यान नहीं दिया गया।
कांग्रेस नेताओं ने राजस्थान की भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए उसे 'पर्ची की सरकार' बताया। उन्होंने सरकार पर निशाना साधने के लिए सरकार के एक साल पर एक फिल्म भी जारी की, जिसमें अपराध की घटनाओं और अन्य घटनाओं को दिखाया गया है।
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस आने वाले दिनों में सड़क से लेकर सदन (विधानसभा) तक भाजपा सरकार की पोल खोलेगी।
राजस्थान में भाजपा सरकार ने 15 दिसंबर को अपना एक साल पूरा कर लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 दिसंबर को जयपुर के दादिया इलाके में एक जनसभा को संबोधित किया और राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर 24 परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया।
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