देश की खबरें | कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया, राहुल का सरकार पर निशाना

नयी दिल्ली, 11 जून कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली तथा देश के दूसरे राज्यों के अलग-अलग इलाकों में विभिन्न पेट्रोल पंपों के निकट सांकेतिक प्रदर्शन किया तथा वृद्धि वापस लेने और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की।

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में प्रशासन की अनुमति के बगैर प्रदर्शन करने और कोविड प्रोटोकॉल का कथित तौर पर उल्लंघन करने को लेकर कांग्रेस के करीब 150 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।

हालांकि पार्टी का दावा है कि सांकेतिक प्रदर्शन के दौरान कोरोना वायरस से संबंधित प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र सरकार पर महामारी के समय पेट्रोल-डीजल पर कर बढ़ाकर जनता के साथ ‘लूट’ का आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘जीडीपी गिर रही है। बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ रही है। ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं। आखिर भाजपा कितने तरीके से भारत को लूटेगी?’’

प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया, ‘‘महामारी के दौरान मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर कर वसूले : पूरे 2.74 लाख करोड़ रुपये। इस पैसे से पूरे भारत को टीका (67000 करोड़ रुपये), 718 जिलों में ऑक्सीजन संयंत्र, 29 राज्यों में एम्स की स्थापना और 25 करोड़ गरीबों को छह - छह हजार रूपये की मदद मिल सकती थी। मगर मिला कुछ भी नहीं।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल घोड़ा-गाड़ी पर सवार होकर फिरोज शाह कोटला स्टेडियम के निकट पेट्रोल पंप पहुंचे।

वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्कालीन संप्रग सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय कर 9.20 रुपये था, लेकिन नरेद्र मोदी सरकार में इसके बढ़ाकर 32 रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सरकार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी बंद करनी चाहिए। हम मांग करते हैं कि पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लिया जाए।’’

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने राजेंद्र नगर और जनपथ में पेट्रोप पंपों के निकट विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने भी विरोध स्वरूप घोड़ा-गाड़ी की सवारी की।

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