ओबीसी कोटे पर हंगामे के बीच कांग्रेस विधायकों को गुजरात विधानसभा से निलंबित किया गया
कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

गांधीनगर, 22 सितंबर : निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी और कांग्रेस के नौ अन्य विधायकों को, बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आकर ओबीसी आरक्षण पर चर्चा कराने की मांग करने और नारेबाजी करने के लिए सदन से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. आज गुजरात विधानसभा के वर्तमान सत्र का अंतिम दिन था. कुछ विधायक सदन से बाहर जाने को राजी नहीं हुए तो उन्हें मार्शलों ने बाहर निकाला. विधायकों के निलंबन और बाहर जाने के बाद कांग्रेस के बाकी विधायकों ने कुछ देर के लिए सदन से बहिर्गमन किया.

हालांकि, विधेयकों पर चर्चा के लिए वे कुछ देर बाद पुनः सदन में लौट आए. विधानसभा में जब गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय संबंधी विधेयक पर चर्चा हो रही थी तब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बलदेवजी ठाकोर ने अचानक पंचायत निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने पर चर्चा करने की मांग उठाई. विधानसभा अध्यक्ष नीमाबेन आचार्य द्वारा ठाकोर की मांग स्वीकार नहीं करने के बाद जिग्नेश मेवानी अध्यक्ष के आसन की ओर दौड़े. उनके पीछे ठाकोर और कुछ अन्य विधायक भी गए जिनमें विमल चूडास्मा, रघु देसाई और विक्रम मदाम भी थे. यह भी पढ़ें : MP में नाव पलटी, स्कूल जाने वाले छात्रों ने तैरकर अपनी जान बचाई सुरक्षित तैरकर निकले

अध्यक्ष के आसन के पास करीब दस विधायक बैठे थे तभी पार्टी के अन्य विधायकों ने तख्तियां प्रदर्शित करते हुए “ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दो” के नारे लगाए. इसके अलावा उन्होंने “जाति आधारित जनगणना” की मांग करते हुए भी नारेबाजी की.

कांग्रेस द्वारा अचानक विरोध प्रदर्शन करने से परेशान, विधायी और संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र त्रिवेदी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अध्यक्ष से उक्त विधायकों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा. इसके बाद अध्यक्ष ने नौ से दस विधायकों के निलंबन का आदेश दिया जिसमें ठाकोर और मेवानी शामिल थे. कुछ विधायकों ने सदन से बाहर जाने से इनकार किया जिसके बाद मार्शलों की सहायता से उन्हें बाहर निकाला गया.