तिरुवनंतपुरम, 28 फरवरी केरल में विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के एक सदस्य द्वारा विधानसभा में लाइफ मिशन मामले से जुड़ी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड रिपोर्ट पढ़े जाने के बाद हुए हंगामे के कारण मंगलवार को सदन की कार्यवाही एक बार फिर बाधित हुई।
ईडी की रिमांड रिपोर्ट में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए हैं।
कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझलनादन ने लाइफ मिशन मामले में उनके द्वारा दायर कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस पर चर्चा के दौरान ईडी की रिमांड रिपोर्ट पढ़ी। इस मामले में विजयन के पूर्व प्रमुख सचिव एम शिवशंकर जांच का सामना कर रहे हैं।
ईडी केरल की वाम सरकार की एक प्रमुख आवासीय परियोजना, लाइफ मिशन में विदेशी अंशदान (विनियम) अधिनियम के कथित उल्लंघन की जांच कर रही है।
कुझलनादन ने कहा कि रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, शिवशंकर ने केंद्रीय एजेंसी को बताया है कि उनके और मुख्यमंत्री, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के महावाणिज्यदूत और स्वप्ना सुरेश के बीच एक बैठक हुई थी।
स्वपना सुरेश राजनयिक बैग के माध्यम से सोने की तस्करी से जुड़े मामले में आरोपी है।
कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक, शिवशंकर ने बताया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री को स्वपना सुरेश को केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना लिमिटेड के तहत अंतरिक्ष पार्क परियोजना में संचालन प्रबंधक के पद पर नियुक्त किए जाने की जानकारी दी थी।
कुझलनादन ने सदन में सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री रिपोर्ट में दर्ज इन आरोपों से इनकार कर सकते हैं, जिस पर विजयन ने कहा कि विधायक द्वारा पढ़े गए आरोप गलत हैं।
इसके बाद, कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री से पूछा कि वह इस तरह की गलत रिमांड रिपोर्ट के खिलाफ अदालत का रुख क्यों नहीं कर रहे हैं। जवाब में विजयन ने कहा कि उन्हें मामले में उठाए जाने वाले कदमों को लेकर कुझलनादन की कानूनी सलाह की जरूरत नहीं है।
विजयन के जवाब के बाद सत्तारूढ़ मोर्चे के विधायक अपनी सीट से उठे और कुझलनादन के खिलाफ नारे लगाने लगे।
राज्य के कानून मंत्री पी राजीव ने शुरू में कहा कि कुझलनादन को सदन में उस दस्तावेज की प्रति पेश करनी चाहिए, जिसे वह पढ़ रहे हैं। बाद में उन्होंने कहा कि अदालत में विचाराधीन रिमांड रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा नहीं की जा सकती है।
इसके बाद, कुझलनादन ने कहा कि वह रिमांड रिपोर्ट पेश करने के इच्छुक हैं और उन्होंने ऐसा करने के लिए अध्यक्ष की अनुमति मांगी।
उधर, विपक्ष और सत्ताधारी मोर्चे के विधायकों ने हंगामा जारी रखा, जिसके चलते अध्यक्ष ए एन शमसीर को सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
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