चंडीगढ़, दो अक्टूबर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के नेता राज्य में ‘संकट से ठीक से नहीं निपट पाने पर अपनी अक्षमता को स्पष्ट रूप से छिपाने के प्रयास’ में ‘‘हास्यास्पद झूठ’’ बोल रहे हैं।
कुछ घंटे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया था कि पार्टी के 78 विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व को लिखे पत्र में सिंह को हटाने की मांग की थी और उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री पद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नहीं हटाया।
इसी बयान की पृष्ठभूमि में सिंह ने यह टिप्पणी की।
अमरिंदर सिंह ने उस तथाकथित पत्र, जिसमें उनके प्रति अविश्वास जताया गया है ,के संबंध में कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत और कांग्रेस नेता सुरजेवाला द्वारा बताई गई विधायकों की अलग-अलग संख्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘‘यह हास्यास्पद है।’’
रावत ने शुक्रवार को प्रेस में दिए एक बयान में कहा था कि इस मुद्दे पर 43 विधायकों ने आलाकमान को पत्र लिखा था।
सिंह ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि पूरी पार्टी पर नवजोत सिंह सिद्धू के हास्य और नौटंकी का असर हो गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब वे दावा करेंगे कि 117 विधायकों ने मेरे खिलाफ पत्र लिखा है। पार्टी में ये तो हालात हैं। वे अपने झूठ में भी तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस में पूरी तरह से अव्यवस्था के हालात हैं, दिन प्रतिदिन संकट बढ़ता ही जा रहा है और इसके अधिकतर वरिष्ठ नेताओं का पार्टी की कार्य प्रणाली से मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि जिन 43 विधायकों ने उक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, उन्हें "दबाव में ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था।’’
सिंह ने कहा, ‘‘यह देखकर दुख होता है कि अपने गलत कामों को उचित ठहराने के लिए वे साफ झूठ बोल रहे हैं।’’
इससे पहले, कांग्रेस के महासचिव सुरजेवाला ने कहा था कि जब कोई मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों का विश्वास खो देता है तो उसे पद पर नहीं बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा था, “(पंजाब में) 79 में से 78 विधायकों ने मुख्यमंत्री को हटाने के लिए पत्र लिखा था। अगर हम मुख्यमंत्री नहीं बदलते तो आप हम पर तानाशाही का आरोप लगाते। मुख्यमंत्री एक तरफ और 78 विधायक एक तरफ और आप उन्हें सुनना नहीं चाहते।”
सुरजेवाला ने कहा था, “सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं और पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला उन्होंने नहीं लिया। जैसा कि मैंने आपको बताया, 78 विधायकों ने पत्र लिखा था और उसके बाद हमने मुख्यमंत्री को बदल दिया।”
गौरतलब है कि इससे पहले अमरिदंर सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के उस आरोप का खंडन किया था कि वह विधायकों का विश्वास खो चुके हैं।
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